राइजिंग राजस्थान समिट से पहले किरोड़ीलाल ने उठाया 5 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला, क्या है अगला प्लान?
Kirodi Lal Meena: राजस्थान में इन दिनों भजनलाल सरकार के पहले सबसे बड़े इवेंट की चर्चा जोरों पर है जहां 9 दिसंबर से होने वाले राइजिंग राजस्थान समिट को लेकर मुख्यमंत्री खुद ग्राउंड पर उतरे हुए हैं. वहीं इससे पहले सीएम लगातार NRI और विदेश दौरे पर राजस्थान में इन्वेस्टमेंट की अपील कर चुके हैं लेकिन इधर राजधानी जयपुर में इस समिट से पहले एक नया बवाल खड़ा हो गया है जहां दौसा उपचुनाव में अपने भाई की हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर पुराने अंदाज में दिखाई दे रहे हैं.
शुक्रवार को किरोड़ी लाल मीणा एक 5 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी पर कब्जे का मामला लेकर जयपुर में एसीबी दफ्तर पहुंचे. जानकारी के मुताबिक जयपुर में डॉक्टर खरे की 5 हजार करोड़ की एक प्रॉपर्टी पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है जिसको लेकर एसीबी में केस चल रहा है. इस दौरान 92 साल के ड़ॉक्टर खरे के साथ किरोड़ी लाल मीणा ने एसीबी हेड डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा से भी मुलाकात कर इस मामले की पूरी जानकारी दी.
वहीं मेहरड़ा से मुलाकात के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अब राज्य में हमारी सरकार है और हम ऐसे करप्शन के मामलों पर संवेदनशील हैं. मीणा ने कहा कि मैंने सीएम भजनलाल शर्मा तक भी इस मामले को पहुंचाया है और जल्द ही अब इसमें कोई हल निकाला जाएगा.
करोड़ों की जमीन पर कब्जे का मामला
किरोड़ीलाल मीणा के मुताबिक अमेरिकन NRI डा. राज खरे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय भैरोसिंह जी की प्रेरणा से NRI प्रोजेक्ट के तहत साल 2005-06 में एपोलो एनिमल मेडिकल कॉलेज (Appolo Animal Medical College) का निर्माण किया था जो 2012 तक सुचारू रूप से चल रहा था जिसमें करीब 500 बच्चे पढ़ रहे थे.
वहीं साल 2013 में दूल्हेराम एवं उनके सहयोगियों ने अवैध रूप से घुसकर ट्रस्ट पर कब्जा कर करोडों का गबन किया जिसको लेकर FIR थाना कानोता में दर्ज करवाई गई थी. वहीं उक्त FIR में भ्रष्टाचार प्रमाणित होने के बाद ACB ने भी FIR दर्ज करली जिसमें जांच अधिकारी ने दिनांक 21 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दूल्हेराम, हर्षवर्धन, लाखन एवं गजानन्द गुप्ता को दोषी माना था.
इसके बाद उक्त FIR को निरस्त कराने की दृष्टि से आरोपी दूल्हेराम ने 482 के तहत हाईकोर्ट में रिट की. इस मामले में फिर हाईकोर्ट ने इन प्रकरणों में करीबन 35 करोड़ का गबन होना मानकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा कोर्ट ने आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की दृष्टि से ED एवं Income Tax विभाग से मदद मांगने हेतु भी निर्देशित किया था.
92 साल का बुजुर्ग काट रहा एसीबी के चक्कर
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि आगरा रोड पर 5000 करोड़ के वेटरनरी कॉलेज पर कब्जा किए जाने के खिलाफ शिकायत को लेकर सीएम को भी कह दिया है लेकिन इसके बाद भी 92 साल का बुजुर्ग एसीबी के दरवाजे पर खड़ा है, मैं इसे उचित नहीं मानता हूं, हमारी सरकार संवेदनशील है लेकिन यहां पर ना जाने क्यों संवेदन शून्यता क्यों है. मीणा ने आगे कहा कि राजस्थान में निवेशकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए और अगर निवेशक की प्रॉपर्टी पर ही कब्जा हो गया है तो सरकार को जल्द से जल्द कब्जा हटाकर निवेशकों की फिर से प्रॉपर्टी दिलवानी चाहिए.
राइजिंग राजस्थान समिट का विरोध
वहीं इस दौरान डॉ राज खरे ने मीडिया से कहा कि एक तरफ राजस्थान में सरकार निवेशकों को बुलाने की बात कर रही है और दूसरी ओर हम जैसे निवेशकों के साथ धोखा हुआ है और सालों से हम चक्कर काट रहे हैं. खरे ने कहा कि मैं अब 9 दिसंबर से शुरू होने जा रहे राइजिंग राजस्थान समिट का विरोध करूंगा और आज मैं भ्रष्टाचार निरोधक मुख्यालय के सामने धरना देकर अपने विरोध का आगाज कर रहा हूं ताकि दुनिया भर के निवेशकों को यह बताया जा सके कि राजस्थान में कैसे निवेशकों के साथ धोखा हो रहा है.
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