छात्रों की सड़क पर रैली, तहसीलदार का अल्टीमेटम....पढ़ाई करनी है या घर बैठना है, फैसला कर लो!
Jalore News: सरकारी स्कूल के APO प्रिंसिपल को बहाल कराने की मांग को लेकर छात्रों ने रैली निकाल दी। मामला जालोर जिले के जसवंतपुरा स्थित पीएमश्री सीनियर सेकेंडरी स्कूल का है, जहां मंगलवार को छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर आए और तहसीलदार कार्यालय तक पहुंच गए। लेकिन जैसे ही तहसीलदार नीरज कुमारी की नजर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पड़ी, वो भड़क उठीं।
उन्होंने गुस्से में कहा...."स्कूल में पढ़ने आते हो या राजनीति करने? अगर यहां राजनीति करने आए हो तो टीसी काट दूंगी!" छात्रों को देखकर तहसीलदार का पारा और चढ़ गया। (Jalore News) उन्होंने अधिकारियों से कहा...."इन सभी के माता-पिता को फोन लगाओ, पता चले कि बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं या राजनीति!"
छात्रावास जमीन विवाद से जुड़ा है मामला
जसवंतपुरा के पीएमश्री स्कूल में एकलव्य छात्रावास बनाने के लिए सरकार ने जमीन आवंटित की थी। लेकिन स्कूल डेवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी (SDMC), जिसमें स्कूल के प्रिंसिपल भी सदस्य थे, ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट से स्टे ले लिया।प्रशासन ने इसे राजकार्य में बाधा मानते हुए कार्रवाई की और शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट भेजी। इसके बाद 3 मार्च को प्रिंसिपल विक्रम सिंह चारण को APO (Awaiting Posting Orders) कर बीकानेर भेज दिया गया। इस फैसले के विरोध में छात्र भड़क उठे और स्कूल में धरना-प्रदर्शन करने लगे।
मंगलवार को छात्र फिर सड़कों पर उतरे प्रिंसिपल की बहाली की मांग को लेकर छात्रों ने मंगलवार को रैली निकाली और तहसीलदार कार्यालय तक पहुंच गए। वे लगातार नारेबाजी कर रहे थे और तहसीलदार से ज्ञापन सौंपना चाहते थे। लेकिन तहसीलदार नीरज कुमारी ने न सिर्फ ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया बल्कि छात्रों को जमकर फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा..."स्कूल में पढ़ाई करने आते हो या धरना देने? अगर राजनीति करनी है तो किसी और जगह जाओ!"
कितने के बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं?
गुस्से में आई तहसीलदार ने छात्रों से पूछा..."यहां कितने विद्यार्थी हैं, जिनके 10वीं-12वीं के एग्जाम चल रहे हैं? हाथ उठाओ!
जब कई छात्रों ने हाथ उठाया, तो उन्होंने कहा..."आपको बोर्ड एग्जाम की तैयारी नहीं करनी क्या? आपके माता-पिता के नंबर दो, मैं खुद कॉल करूंगी!"इस दौरान एक छात्र बोला... मुझे अपने माता-पिता का नंबर याद नहीं है। इस पर तहसीलदार भड़क गईं और अधिकारियों को आदेश दिया...."इन सभी के नाम लिखो! दो-चार की टीसी काटनी ही पड़ेगी, तब समझ आएगा!"
क्या प्रिंसिपल का समर्थन करना गुनाह है?
छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन मनमानी कर रहा है और प्रिंसिपल को गलत तरीके से हटाया गया है। एक छात्र ने कहा..."हम सिर्फ न्याय मांगने आए थे, लेकिन हमें धमकियां मिल रही हैं। क्या अपने शिक्षक के लिए खड़ा होना गुनाह है?" इस पूरे मामले से स्कूल प्रशासन, शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के अधिकारों को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
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