खाटू में ऐतिहासिक नजारा! बाबा श्याम के चांदी रथ ने किया नगर भ्रमण, चारों ओर भक्तों का जनसैलाब!
Khatu Shyam Ji Mela 2025:आस्था, भक्ति और उल्लास का संगम आज खाटू नगरी में अपनी चरम सीमा पर है। श्रद्धा के इस महासागर में डूबने के लिए देशभर से लाखों भक्त बाबा श्याम के दर्शन को उमड़ रहे हैं। फाल्गुनी एकादशी के इस पावन अवसर पर खाटू में भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा है, जहां हर गली-मोहल्ला बाबा श्याम के जयकारों से गूंज उठा है। आज खाटू श्याम जी का भव्य मेला अपने शिखर पर पहुंच गया है। लक्खी मेले के 11वें दिन भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी हुई है, और इस खास मौके पर बाबा श्याम अपने नवीनतम डेढ़ करोड़ के चांदी रथ में नगर भ्रमण करेंगे।
125 किलो चांदी से निर्मित यह भव्य रथ बीकानेर के नोखा में तैयार किया गया है, जिसे जीप पर विशेष रूप से सजाया गया है। (Khatu Shyam Ji Mela 2025)रविवार रात से ही बाबा श्याम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है, और आने वाले 24 घंटों में यह संख्या लाखों में पहुंचने की संभावना है। प्रशासन ने सुरक्षा और भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रबंध किए हैं। बाबा श्याम की यह शोभायात्रा प्राचीन श्याम कुंड से प्रारंभ होकर अस्पताल चौराहा, पुराना बस स्टैंड होते हुए मुख्य बाजार के कबूतर चौक पर संपन्न होगी। भक्तों का उत्साह चरम पर है, और पूरे खाटू नगरी में दिव्यता और भक्ति का अलौकिक दृश्य देखने को मिल रहा है।
रींगस रोड से आने वाले भक्त कारपेट पर चलेंगे
इस बार भी रींगस से खाटू तक श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। पिछले साल की तरह इस बार भी 14 लाइनें बनाई गई हैं, जिनसे होकर भक्त बाबा की चौखट तक पहुंचेंगे। पूरे मार्ग पर भक्तों के लिए कारपेट बिछाया जाएगा, जिससे यात्रा सुगम और आरामदायक हो सके। खाटू धाम पहुंचने के बाद भी श्रद्धालुओं को करीब 8 किलोमीटर का सफर तय करना होगा।
रींगस रोड से आने वाले श्रद्धालुओं को मुख्य प्रवेश द्वार से होकर नगर पालिका (खाटू) तक आना होगा। यहां से वे चारण मैदान पहुंचेंगे, जहां उनके लिए टीन शेड से ढके अस्थायी जिग-जैग मार्ग तैयार किए गए हैं। इसके बाद वे लखदातार मैदान में पहुंचेंगे, जहां से उन्हें दर्शन के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।
VIP दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बंद, 9 ब्लॉक बनाए गए
मेला प्रभारी एवं एसडीएम मोनिका सामोर ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस बार 9 ब्लॉक बनाए गए हैं। पहले दर्शन के लिए चारण खेत में 7 ब्लॉक होते थे, लेकिन इस बार अधिक भीड़ की संभावना को देखते हुए यह संख्या बढ़ा दी गई है। सरकारी प्रोटोकॉल वाले VIP को छोड़कर सभी के लिए VIP दर्शन सुविधा बंद रहेगी।
दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई कठिनाई न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर से करीब 250 मीटर की दूरी पर लाला मांगेराम धर्मशाला के पास व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। दिव्यांगों को एक अलग लाइन से व्हीलचेयर के माध्यम से मंदिर तक ले जाया जाएगा, जिससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मंदिर परिसर में पहली बार 50 मीटर पहले मेटल डिटेक्टर
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार मंदिर में एक बड़ा बदलाव किया गया है। पहली बार मंदिर परिसर की 14 लाइनों में मेटल डिटेक्टर मशीनें लगाई गई हैं। पहले रींगस डायवर्जन पर ही सुरक्षा जांच होती थी, लेकिन इस बार सुरक्षा को और कड़ा करते हुए मंदिर की दीवार के पास, बाबा श्याम की मूर्ति से 50 मीटर पहले सभी लाइनों में मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं।
पूरे मेले की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाया गया है। इस बार रींगस से खाटू तक और पूरे खाटू नगर को 400 से ज्यादा CCTV कैमरों की निगरानी में रखा गया है। इसके अलावा, अलोदा तिराहा, मंढा रोड और रींगस रोड पर भी कैमरे लगाए गए हैं। खास बात यह है कि इस बार पूरा मेला ड्रोन कैमरों की मदद से भी मॉनिटर किया जाएगा।
सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा द्वार और विद्युतीकृत गेट
मेले की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए चार दिशाओं में बड़े विद्युतीकृत गेट स्थापित किए गए हैं। ये गेट चार देवताओं की आकृतियों से सुसज्जित हैं। इसके अलावा, रींगस डायवर्जन, चारण मेला मैदान प्रवेश द्वार, लामिया रोड और दांता रोड पर विशेष सुरक्षा द्वार लगाए गए हैं। पूरे मेले की सुरक्षा 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों और 4500 आरएसी जवानों के हाथों में रहेगी।
मेले में सुरक्षा निगरानी के लिए 16 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां से पुलिसकर्मी लगातार भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को मेटल डिटेक्टर मशीन से गुजरने के बाद ही एंट्री मिलेगी। इसके अलावा, लखदातार ग्राउंड में 32 CCTV कैमरे और एक बड़ा सर्विलांस कैमरा लगाया गया है। अत्यधिक भीड़ की स्थिति को संभालने के लिए लखदातार मैदान में 16 आपातकालीन गेट तैयार किए गए हैं। इसके अलावा, 8 सर्विस लाइन बनाकर 67 रेलिंग लगाई गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित रूप से नियंत्रित किया जा सके।
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