'साब हमारी पीड़ा सुनिए..' दशहरा मेले में नहीं मिली दुकान, दुकानदार ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मांगा न्याय
Kota vendors suicide threat: कोटा का राष्ट्रीय दशहरा मेला शुरू होते ही विवादों का केंद्र बन गया है। मेले में दुकानों के आवंटन को लेकर महा भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। (Kota vendors suicide threat) पिछले 10 वर्षों से मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदारों को बेदखल कर दिया गया है, जिससे कई परिवार संकट में पड़ गए हैं।
पुराने दुकानदारों का दर्द
पुराने दुकानदार, जो एक दशक से अधिक समय से मेले में अपनी दुकानों के माध्यम से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे, अब सड़क पर आ गए हैं। कई दुकानदार अब आत्महत्या तक की चेतावनी दे रहे हैं। कोटा शहर के नांता इलाके के हरिओम और उनकी पत्नी ने अपने तीन बच्चों के साथ कोटा कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर यह चेतावनी दी है।
हरिओम ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन देते हुए कहा है कि अगर उन्हें पुरानी जगह पर दुकान का आवंटन नहीं मिला, तो वह और उनका परिवार आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने बताया कि वे साल 2015 से दशहरे मेले में फूड कोर्ट में दुकान लगाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार उन्हें बेदखल कर दिया गया है।
भ्रष्टाचार के आरोप
हरिओम ने आरोप लगाया कि मेला आयोजन समिति ने नए दुकानदारों को पुराने दुकानदारों की जगह आवंटित किया है और उन्हें ऐसी जगह पर भेजा है जहां धंधा नहीं चल सकता। पिछले छह दिनों से वह नगर निगम प्रशासन और मेला आयोजन समिति के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिल रहा है।
हरिओम ने कहा, “हम मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी से भी मिल चुके हैं, लेकिन हमें कोई मदद नहीं मिल रही है।” उन्होंने भूख हड़ताल भी की, लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है।
कोटा के दशहरा मेले में इस तरह के विवादों का सामने आना कई सवाल उठाता है, और स्थानीय प्रशासन को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
यह भी पढ़ें :Bhilwara: 'गाली देने का विरोध किया तो चाकू से कर दिया वार'...भीलवाड़ा में युवक की हत्या पर बवाल
यह भी पढ़ें :"दिल्ली से चोरी की थी, सॉरी..." ये तो गजब चोर निकले, माफी की पर्ची के साथ लावारिस हालत में छोड़ भागे स्कॉर्पियो