Kota News: शिक्षा नगरी में सैलून संचालक की अनोखी पहल, निशुल्क काट रहे बच्चों के बाल, अब तक कर चुके हैं 400 स्कूली बच्चों की कटिंग
Kota News: कोटा। राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) जिले को शिक्षा की नगरी के नाम से जाना जाता है। कोटा में देश-दुनिया से मेडिकल (Medical) और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (Engineering Entrance Exam) की तैयारी की कोचिंग के लिए छात्र आते है। दरअसल, कोटा को लेकर एक नई बात सामने आई है कि अब कोटा में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब व जरूरतमंद परिवार के बच्चों के बढ़े हुए बालों को काटने के लिए हेयर कटिंग वाला सरकारी स्कूल में आ रहा है। शहर के बालिता इलाके में श्री कृष्ण सैलून के संचालक ब्रजेश सेन निशुल्क स्कूली बच्चों के बाल काट रहे हैं।
गरीब-जरूरतमंद बच्चों के काटते हैं बाल
बता दें कि सैलून संचालक निशुल्क बच्चों के बढ़े हुए बालों को काटते हैं। गरीब व जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के बालों की कटिंग समय पर नहीं होने के कारण उनको स्कूल में शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। उनको इस शर्मिंदगी से छुटकारा दिलाना ही सैलून संचालक का मकसद है। दरअसल, सरकारी स्कूलों में अधिकतर बच्चे गरीब और जरूरतमंद परिवारों के हैं। ऐसे में वे समय पर अपने बाल नहीं कटवा पाते है। बच्चों को इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए सैलून संचालक अब बच्चों की निशुल्क कटिंग कर रहे हैं।
400 बच्चों की सैलून स्टाफ के साथ की कटिंग
सैलून संचालक बृजेश सेन ने इस बारे में बताया कि गरीब व जरूरतमंद परिवार के बच्चों के बढ़े हुए बालों की कटिंग करने की शुरूआत हाल ही में की है। अब तक करीब 400 सरकारी स्कूल के बच्चों की कटिंग कर चुके है। इसमें वह अपने सैलून स्टाफ की भी मदद लेते है। जिसमें राज, दुर्गेश और शुभम बच्चों की कटिंग करने में उनका सहयोग करते हैं। अब तक राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय बालिता, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बालिता, राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामचंद्रपुरा बस्ती बालिता और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सींता गांव में जाकर उन्होंने गरीब व जरूरतमंद परिवारों के बच्चों की निशुल्क कटिंग की है।
परमिशन लेकर लगाते है हेयर कटिंग कैंप
सैलून संचालक बृजेश सेन ने बताया कि वह हेयर कटिंग कैंप लगाने से पहले स्कूल प्रशासन से परमिशन लेते है। परमिशन मिलने के बाद ही स्कूल में हेयर कटिंग का कैंप लगाते है और निशुल्क बच्चों के बालों की कटिंग करते हैं। इस दौरान साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। सप्ताह में तीन दिन इस तरह से उनकी मुहिम स्कूलों में चल रही है। उन्होंने बताया कि कटिंग करवाने के बाद बच्चों के चेहरे पर खुशी नजर आती है।