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3 बार के सांसद, दूसरी बार स्पीकर...कौन है कोटा MP ओम बिरला जिन्होंने कर ली बलराम जाखड़ की बराबरी

18th Lok Sabha Speaker Om Birla: देश में 18वीं लोकसभा के लिए स्पीकर का चुनाव संपन्न हो गया है जहां एक बार फिर NDA के स्पीकर कैंडिडेट ओम बिरला ने ये मुकाबला जीत लिया है. बिरला अब लगातार दूसरी बार...
11:38 AM Jun 26, 2024 IST | Pavan Dwivedee
18th Lok Sabha Speaker Om Birla: देश में 18वीं लोकसभा के लिए स्पीकर का चुनाव संपन्न हो गया है जहां एक बार फिर NDA के स्पीकर कैंडिडेट ओम बिरला ने ये मुकाबला जीत लिया है. बिरला अब लगातार दूसरी बार...

18th Lok Sabha Speaker Om Birla: देश में 18वीं लोकसभा के लिए स्पीकर का चुनाव संपन्न हो गया है जहां एक बार फिर NDA के स्पीकर कैंडिडेट ओम बिरला ने ये मुकाबला जीत लिया है. बिरला अब लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर की कुर्सी पर बैठेंगे. बिरला ने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस सांसद के. सुरेश को हराया जहां ध्वनिमत से ये प्रस्ताव पारित हुआ और प्रोटेम स्पीकर भतृहरि मेहता ने ओम बिरला का नाम का ऐलान स्पीकर के लिए किया. हालांकि विपक्ष ने वोटिंग की मांग रखी लेकिन बिरला को स्पीकर की कुर्सी संभालने के लिए बुला लिया गया.

बलराम जाखड़ रहे 2 बार लोकसभा अध्यक्ष

बिरला अगर इस चुनाव (Lok Sabha Speaker Election) को जीतते हैं तो वह लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने वाले देश के दूसरे नेता बन जाएंगे। ओम बिरला से पहले साल 1984 में राजस्थान की सीकर संसदीय सीट से सांसद रहे बलराम जाखड़ लगातार दो बार अध्यक्ष रहे थे। बलराम जाखड़ 22 जनवरी 1980 से 18 दिसंबर 1989 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे। बलराम जाखड़ ने सातवीं लोकसभा का चुनाव पंजाब की फिरोजपुर संसदीय सीट से लड़ा था।

बिरला ने तोड़े मिथक

ओम बिरला ने पहला लोकसभा का चुनाव वर्ष 2014 में लड़ा, दूसरा चुनाव 2019 में लड़ा और लोकसभा अध्यक्ष बने। करीब दो दशक से यह मिथक बना हुआ था कि लोकसभा स्पीकर रहा राजनेता दोबारा संसद नहीं पहुंचता। लेकिन बिरला ने 2024 का चुनाव जीतकर उस मिथक को तोड़ दिया। लंबे समय से यह भी मिथक बना हुआ था कि चुनाव जीतकर स्पीकर पद पर कोई रिपीट नहीं होता। लेकिन यह मिथक टूटने की कगार पर है। अगर संख्या बल के मुताबिक ओम बिरला को मत मिलते हैं और जीतते हैं तो वह लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनेंगे।

विपक्ष मजबूत स्थिति में

मोदी सरकार 2.0 में ओम बिरला 5 साल स्पीकर रहे। इस बार NDA की सरकार बनी है। संसद में विपक्ष बेहद मजबूत स्थिति में रहेगा और इस स्थिति में किसी नए नेता को संसद की कमान सौंपना सरकार के लिए चुनौती पूर्ण हो सकता था।

बिरला के घर बैठकों और मुलाकातों का दौर जारी रहा

लोकसभा स्पीकर को सदन के नियम और कामकाज समझने में समय लगता है। उच्च स्तर पर यह तय किया गया कि बिरला को ही फिर से स्पीकर बनाया जाए, ताकि सदन पहले दिन से नियंत्रण में रहे। दिल्ली में बिरला के घर बैठकों और मुलाकातों का दौर चुनाव परिणाम के बाद से जारी रहा। 17 जून की रात जेपी नड्डा और अमित शाह उनके निवास पर पहुंचे थे। NDA सरकार में जिस तरह से नेताओं को विभिन्न पदों पर रिपीट किया गया, तब से यह कयास लगाया जा रहा था कि ओम बिरला को बड़ी जिम्मेदारी फिर से मिलेगी।

ओम बिरला का जीवन परिचय

नाम: ओम बिरला
DOB: 23 नवम्बर 1962
शिक्षा: एम.कॉम.
पिता: श्रीकृष्ण बिरला
माता: शकुंतला देवी
पत्नी: डॉ. अमिता बिरला(एमडी-स्त्री रोग विशेषज्ञ)
पुत्री: आकांक्षा बिरला (चार्टर्ड एकाउंटेंट), अंजलि बिरला(IRPS-भारतीय रेल)
भाई: 6 भाई
बहन: 3 बहिन (ओम बिरला पांचवी संतान हैं)

राजनीतिक जीवन

•जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा (1987-91)
•प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, राजस्थान राज्य (1991-1997)
•राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा (1997-2003)
•कोटा विधान सभा सीट से विधायक 2003 (पहले ही चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता शांति धारीवाल को 10101 वोट से हराया)
•कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से विधायक 2008 (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री राम किशन वर्मा को 24252 वोट से हराया)
•कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से विधायक 2013 (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पीसीसी महासचिव पंकज मेहता को 49439 वोट से हराया)
•कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद 2014 (कांग्रेस पार्टी से सांसद इज्यराज सिंह को 2 लाख 782 वोट से हराया )
•कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद 2019 (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक रामनारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार वोट से हराया)
•कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद 2024 (भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल को 42 हजार वोट से हराया)
•कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी के बाद लगातार तीन विधान सभा और तीन लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले जनप्रतिनिधि।

लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उपलब्धियां

•संसद के नए भवन का निर्माण हुआ।
•17वीं लोकसभा की उत्पादकता 97% रही, जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है।
•कोरोना महामारी के बीच आयोजित 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र की उत्पादकता 167% रही जो लोकसभा के इतिहास में सर्वाधिक है।
•संसद के संचालन में वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहित कर 801 करोड़ की बचत की गई।
•17वीं लोकसभा के दौरान 222 विधेयक कानून बनें जो पिछली तीन लोकसभा में सर्वाधिक है
•विधेयकों पर कुल 440.54 घंटे चर्चा हुई जो पिछली चार लोकसभा में सर्वाधिक है।
•विभिन्न विधेयकों पर कुल 2910 सदस्यों ने चर्चा की जो पिछली चार लोकसभा में सर्वाधिक है।
•संसद लाइब्रेरी को 17 अगस्त 2022 से आमजन के लिए खोल दिया गया।

अन्य उपलब्धियां

•प्रथम सत्र में 46 महिला सांसदों सहित सभी प्रथम निर्वाचित सदस्यों को अभिव्यक्ति का अवसर दिया।
•पहले सत्र में शून्य काल के दौरान सदस्यों को 1066 विषय उठाने का अवसर दिया गया जो लोकसभा के इतिहास में किसी एक सत्र का रिकॉर्ड है।
•पहले सत्र के दौरान 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के दौरान सदस्यों को 161 विषय उठाने का अवसर दिया गया जो लोकसभा के इतिहास में किसी एक दिन का रिकॉर्ड है।
•शून्य काल में उठाए गए विषयों पर भी माननीय सांसदों को उत्तर दिलवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई।
•सांसदों द्वारा नियम 377 के तहत उठाए गए विषयों के उत्तर मंत्रालयों द्वारा निर्धारित 30 दिन में देने पर कड़ाई से अमल करवाया गया। इस कारण 17वीं लोकसभा के दौरान लगभग 95% विषयों पर माननीय सांसदों को प्रतिउत्तर प्राप्त हुए।
•सांसदों को सदन में की गई अभिव्यक्ति का वीडियो क्लिप तत्काल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई।
•ओम बिरला के प्रयासों से 17वीं लोकसभा के दौरान ऐसा चार बार हुआ एक प्रश्नकाल में सभी 20 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए।
•सांसदों की क्षमता निर्माण के लिए सदन में आने वाले विभिन्न विधेयकों के संबंध में ब्रीफिंग सेशन की नवीन व्यवस्था प्रारंभ की गई।
•ओम बिरला की पहले पर जनरल परपज कमेटी की बैठक 19 वर्ष बाद आयोजित की गई।
•ओम बिरला की पहल पर देर रात तक सदन का संचालन हुआ जिसमें सभी सदस्यों ने सहयोग किया।
•लोकतंत्र सशक्तिकरण की पहल के तहत ओम बिरला संसद को लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई पंचायत के पास लेकर गए। ओम बिरला की पहल पर आउटरीच कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड, उत्तर पूर्व के राज्यों तथा जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया गया।
•ओम बिरला की पहल पर संसद में महान विभूतियों की जयंती पर आयोजित होने वाले पुष्पांजलि कार्यक्रमों में स्कूली विद्यार्थियों एवं युवाओं को आमंत्रित करने का नवाचार किया गया।
•संसद में 1854 से 2024 तक हुई चर्चाओं का डिजिटलाइजेशन कर उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिया गया है।
•ओम बिरला की पहल पर संसद में मिलने वाले भोजन की सब्सिडी समाप्त की गई।

संसद में पारित महत्वपूर्ण कानून

•जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 (धारा 370)
•नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 (सी.ए.ए.)
•मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2019 (ट्रिपल तलाक)
•चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021
•भारतीय न्याय संहिता, 2023
•भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
•भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023
•डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023
•नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023 (महिलाओं को 33% आरक्षण)

पी-20 का आयोजन

•ओम बिरला की अध्यक्षता में जी-20 देशों की संसदों का पी-20 सम्मेलन 13 और 14 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि परिसर में आयोजित किया गया।
•एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसदें विषय पर आयोजित पी-20 सम्मेलन अब तक सबसे सफल पी-20 आयोजन रहा।
•सम्मेलन में 23 देशों/समूहों से 34 अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सम्मिलित हुए।
•ओम बिरला के मार्गदर्शन में संयुक्त वक्तव्य पर आम सहमति बनना सम्मेलन की गौरवशाली उपलब्धि रही।

अंतरराष्ट्रीय संबंध हुए प्रगाढ़

•लोकसभा अध्यक्ष के रूप में ओम बिरला ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई।
•आईपीयू, कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन जैसे अनेक महत्वपूर्ण मंचों पर ओम बिरला ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की गौरवशाली संस्कृति का मान बढ़ाया।
•ओम बिरला ने पांच वर्षों में मालदीव, युगांडा, सर्बिया, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इटली, वियतनाम, कम्बोडिया, सिंगापुर, मैक्सिको, सूरिनाम, इण्डोनेशिया, केन्या, तंजानिया, मंगोलिया, संयुक्त अरब अमिरात और बहरीन की यात्रा।
•अर्मेनिया, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपियन संसद, फ्रांस मैक्सिको, डेनमार्क, जर्मनी, कनाडा, वियतनाम, दक्षिण सूडान, इजराइल, भूटान, जाम्बिया, नेपाल, सूरिनाम से आए संसदीय शिष्टमंडलों की मेजबानी की।

सामाजिक प्रकल्प

•सुपोषित मां अभियान: संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के वंचित परिवारों की 8500 से अधिक गर्भवती महिलाओं में पोषण की कमी दूर करने के लिए उन्हें प्रसव होने तक प्रतिमाह पोषण किट दी गई। इस अभियान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की।
•दिव्यांगजनों को संबल: दिव्यांगजन और वरिष्ठजन अपनी क्षमता और सामर्थ्य के अनुरूप देश के प्रति योगदान दे सकें, इसके लिए ओम बिरला ने संसदीय क्षेत्र कोटा में विभिन्न सरकारी योजनाओं और जनसहयोग से करीब 3900 दिव्यांग और वरिष्ठजनों को करीब 6 करोड़ रूपए के सहायक उपकरण भेंट किए।
•हॉस्पिटल ऑन व्हील्स: संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के दूरस्थ गांवों तक विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए हॉस्पिटल ऑन व्हील्स सेवा का संचालन किया गया। इस सेवा के तहत कोटा-बूंदी के 1497 गांवों में जाकर इस सेवा के माध्यम से 1 लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। 600 से अधिक गंभीर रोगियों को एम्स नई दिल्ली सहित अन्य बड़े अस्पतालों में उपचार करवाया गया।
•शीतल छांव: सड़क किनारे बैठ कर काम करने वाले व्यक्तियों को ‘‘श्रमवीरों‘‘ की संज्ञा देकर उनको बड़े छातों का वितरण किया गया ताकि वे सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में अपना कार्य सुचारू रूप से कर आजीविका कमा सकें।
•चप्पल वितरण: गर्मी के मौसम में सड़क पर नंगे पैर चलने वाले लोगों के लिए श्री ओम बिरला ने चप्पल वितरण अभियान विगत एक दशक से भी अधिक समय से संचालित कर रखा है।
•कम्बल निधि: कोटा-बूंदी के सभी राजकीय चिकित्सालयों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों के तीमसारदार सर्दी के मौसम में परेशान नहीं हो इसके लिए श्री ओम बिरला की पहल पर हर वर्ष कम्बल निधि का संचालन किया जाता है। कम्बल निधि के माध्यम से कम्बल और गर्म बिस्तर निशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है। यह प्रकल्प 2007 से निरंतर संचालित किया जा रहा है।
•स्वेटर वितरण: कोटा-बूंदी के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे सर्दी के मौसम में परेशान नहीं हों, इसके लिए उन्हें स्वेटर भेंट किए जा रहे हैं। अब तक 60 हजार से अधिक बच्चों को स्वेटर भेंट किए जा चुके हैं।
•पौधारोपण: कोटा-बूंदी क्षेत्र को हराभरा रखने के लिए ओम बिरला की पहल पर प्रति वर्ष पौधारोपण अभियान का आयोजन किया जाता है। इस अभियान को नया स्वरूप देने के लिए 3 वर्षों से फलदार पौधों का वितरण किया जा रहा है।
•परिधान उपहार केंद्र: वंचित वर्ग के लोगों के तन ढकने के लिए करीब दो दशक से भी अधिक समय से निशुल्क परिधान उपहार केंद्र संचालित है। प्रबुद्ध वर्ग यहां जो अनुपयोगी कपड़े भेंट कर जाते हैं, उन्हें ससम्मान वंचित लोगों को भेंट किया जाता है।

महिला सशक्तिकरण

•टिफिन विथ दीदी: टिफिन विथ दीदी प्रकल्प के तहत ओम बिरला ने कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के साथ उनके घर से लाया गया भोजन किया। इस दौरान संवाद करते हुए उनकी चुनौतियों को समझा तथा उनके बनाए गए उत्पादों के लिए बाजार तैयार करने के उद्देश्य से उन्हें सीधे कम्पनियों से जोड़ने का प्रयास किया।
•सिलाई मशीन वितरण: महिलाओं के सशक्तिकरण तथा उन्हें आय का स्रोत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पहले ओम बिरला ने उन्हें सिलाई का प्रशिक्षण दिलावाया। प्रशिक्षण उपरांत महिलाओं को सिलाई मशीन भेंट की गई।

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