भाजपा में नई सियासी जंग! किरोड़ी को नोटिस देने पर प्रदेशाध्यक्ष ने किया बड़ा ऐलान, जानें क्या होगा अब?
Madan Rathore: राजस्थान की सियासत में इन दिनों भाजपा के अंदरुनी मामलों को लेकर हलचल तेज हो गई है। प्रदेश की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को पार्टी की ओर से नोटिस दिया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे लेकर भाजपा में गहमागहमी बढ़ गई है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि किरोड़ी लाल मीणा को नोटिस देना पार्टी का आंतरिक मामला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन को जब भी कुछ उचित लगता है, वह निर्णय लेता है। (Madan Rathore)यह कोई सार्वजनिक मुद्दा नहीं बल्कि पार्टी के भीतर की व्यवस्था को बनाए रखने का एक तरीका है। राठौड़ ने मीडिया ट्रायल पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरी तरह से भाजपा के परिवार का मामला है और परिवार के सदस्यों को समय-समय पर समझाना पड़ता है।
गौरतलब है कि कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा के कुछ नेताओं को टारगेट किया जा रहा है और सरकार उनके फोन कॉल्स सुन रही है। इस बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई थीं, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया। अब इस मामले को लेकर भाजपा के भीतर हलचल बढ़ गई है और प्रदेशाध्यक्ष का यह बयान कई सियासी संकेत दे रहा है।
पार्टी का मामला परिवार के भीतर सुलझेगा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि अगर परिवार के किसी सदस्य से सवाल-जवाब करने की जरूरत होती है, तो पार्टी उसे परिवार के भीतर ही सुलझाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और इसे सार्वजनिक रूप से तूल देने की जरूरत नहीं है।
नोटिस मिलने के बाद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों में उग्रता देखने को मिली, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए मदन राठौड़ ने कहा कि किसी को भी उग्र होने की जरूरत नहीं है। हम सब एक हैं और एक परिवार की तरह साथ बैठकर चर्चा करते हैं। पार्टी में अनुशासन बना रहना चाहिए और किसी को भी इसे गलत दिशा में नहीं ले जाना चाहिए।
किरोड़ी लाल मीणा के जवाब पर प्रदेशाध्यक्ष की प्रतिक्रिया
नोटिस मिलने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था कि वह पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं। इस पर मदन राठौड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अच्छी बात है और हम सभी को पार्टी के अनुशासन का पालन करते हुए काम करना चाहिए।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने सोमवार को कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा था। पार्टी ने उनके फोन टैपिंग के बयान को अनुशासनहीनता मानते हुए तीन दिन में जवाब मांगा है।
फोन टैपिंग बयान पर कांग्रेस का हमला
किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग के बयान को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार को जमकर घेरा था। इसके बाद भाजपा हाईकमान सक्रिय हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इस मुद्दे पर मदन राठौड़ से चर्चा की, जिसके बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
नोटिस में कहा गया कि किरोड़ी लाल मीणा ने सार्वजनिक रूप से बयान देकर भाजपा नीत सरकार पर फोन टैपिंग का झूठा आरोप लगाया। इससे पार्टी की बहुमत वाली सरकार की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है, जो अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।
क्या मुख्यमंत्री अब स्वीकार करेंगे किरोड़ी का इस्तीफा?
लोकसभा चुनाव में दौसा सीट से हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा था कि 8 और 25 जून को उन्होंने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेजा था, लेकिन वह स्वीकार नहीं किया गया।
अब, जब भाजपा ने उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस जारी कर दिया है, तो राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि क्या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अब उनका इस्तीफा स्वीकार कर लेंगे? यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस पूरे प्रकरण को किस दिशा में ले जाती है।
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