वित्त विभाग के एक आदेश से विधवा बेटियों को क्यों हुई टेंशन ? अब अटक जाएगी पेंशन !
Banswara News: बांसवाड़ा। वित्त विभाग के पारिवारिक पेंशन को लेकर दिए गए एक आदेश से कई विधवा बेटियों की पेंशन पर तलवार लटक गई है। जिसकी वजह से अब वित्त विभाग के इस आदेश का विरोध शुरू हो गया है। बांसवाड़ा में पेंशनर्स संगठनों की ओर से इस पर विरोध जताते हुए सरकार से इस आदेश को निरस्त करवाने की मांग की गई है।
Family Pension पर वित्त विभाग की नई शर्त ?
राजस्थान सरकार के वित्त विभाग ने 26 जून 2024 को एक मार्गदर्शन पत्र जारी किया। इसमें पारिवारिक पेंशन को लेकर एक शर्त जोडी गई है। इसके मुताबिक पारिवारिक पेंशन का लाभ तभी मिलेगा जब पेंशनर और उसकी पत्नी के जीवित रहते उसकी पुत्री विधवा-तलाकशुदा हुई हो और उस पर आश्रित हो। इस संशोधन से हजारों विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता बेटियों पर असर पड़ा है।
पेंशनर्स ने आदेश पर जताई नाराजगी
सेवानिवृत्त राजकीय कर्मचारी भी इस संशोधन पर आपत्ति जता रहे हैं। बांसवाड़ा के सेवानिवृत्त लेखाधिकारी बाबूलाल का कहना है कि यह संशोधन नियम विरूद्ध है। राजस्थान पेंशनर्स समाज अजमेर की ओर से भी संयुक्त शासन सचिव वित्त (नियम) को पत्र भेजा गया है। इसमें भी इस आदेश को नियम विरूद्ध बताया गया है।(Banswara News)
पूर्ववर्ती सरकार में हुआ था यह संशोधन
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 4 सितंबर 2012 को पेंशन नियमों में संशोधन किया था। इसमें सेवारत रहते मृत कर्मचारी या सेवानिवृत्त पेंशनर की विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता पुत्री और दिव्यांग पुत्र को आयु सीमा रहित आजीवन परिवार पेंशन का लाभ दिया था। वहीं विकलांग, दिव्यांग और मानसिक विकारग्रस्त पुत्र के लिए अविवाहित होने की शर्त भी हटाई थी। इसके आधार पर पेंशनर और उसकी पत्नी की मौत के बाद उसकी एकल विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता बेटी को पारिवारिक पेंशन मिल रही थी।
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