'मैं अब AAG पद पर काम नहीं कर पाऊंगा' कानून मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे मनीष ने क्यों दिया इस्तीफा ?
Rajasthan News: जयपुर। राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे मनीष पटेल ने राजस्थान हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा सत्र के दौरान मनीष की नियुक्ति पर काफी हंगामा हुआ था। बताया जा रहा है कि मनीष ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था, इसकी जानकारी सार्वजनिक अब हुई है।
#Jodhpur: अपने बेटे के AAG पद से इस्तीफा देने पर कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल का बयान
"यह उसका निजी फैसला है उसके स्वयं का वकालत का निजी डेरा है और कोई कार्य प्रभावित हो रहा होगा उसको लेकर के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर इस्तीफा दिया होगा यह उसका निजी फैसला है"… pic.twitter.com/dVH5PlsYhQ
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) August 24, 2024
एडवोकेट्स के साथ शेयर की इस्तीफे की जानकारी
मनीष पटेल की ओर से इस्तीफा देने की जानकारी एडवोकेट्स के एक वॉट्सएप ग्रुप पर शेयर की गई। जिसमें मनीष ने लिखा कि आपके आशीर्वाद से राजस्थान उच्च न्यायालय प्रिंसिपल सीट जोधपुर में अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर नियुक्ति मिली।
हालांकि मैंने जयपुर यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री को लिखित में इस्तीफा दे दिया था। जिसमें व्यक्तिगत कठिनाई के कारण AAG के रुप में आगे काम करने की अनिच्छा जताई थी। अभी त्याग पत्र स्वीकृति की प्रक्रिया में है।
मनीष ने मुख्यमंत्री भजनलाल का जताया आभार
मनीष पटेल ने AAG पद पर नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार भी जताया। मनीष ने लिखा कि मुख्यमंत्री भजनलाल के प्रति हार्दिक आभार। उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया। AAG के तौर पर सरकार का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया।
दरअसल, राजस्थान में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे मनीष को कुछ दिनों पहले राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था। कुछ दिन बाद जब विधानसभा सत्र शुरू हुआ तो कांग्रेस ने इस मुद्दे को सदन में उछाला।
नेता प्रतिपक्ष ने उठाए थे नियुक्ति पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा सत्र के दौरान लोक अभियाजकों की नियुक्ति का मामला उठाया। उन्होंने एक जुलाई को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होने के बाद भी CRPC के तहत 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ता नियुक्त करने पर सवाल उठाए। सरकार से मामले में जवाब देने की मांग की। विपक्ष के नेताओं ने नाम लिए बगैर मंत्री के बेटे को लोक अभियोजक बनाने के आरोप भी लगाए थे।
लोक अभियोजक नियुक्ति पर सदन में हुआ था हंगामा
लोक अभियोजक की नियुक्ति पर विधानसभा में हंगामा बढ़ता देख मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि नियुक्ति व्यक्ति की योग्यता के आधार पर हुई है, मंत्री का बेटा होने कोई अपराध नहीं है। विपक्ष के जवाब मांगने पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने नियमों का हवाला देते हुए इनकार कर दिया। इसको लेकर कांग्रेस विधायक और स्पीकर के बीच जमकर बहस भी हुई।
संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को बताया निराधार
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने भी सदन में हंगामा होने के बाद प्रेसावार्ता कर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि- अतिरिक्त महाधिवक्ता की नियुक्ति मेरी वजह से नहीं हुई। बल्कि काबिलियत की वजह से हुई है। विपक्ष निराधार आरोप लगा रहा है।(Rajasthan News)
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