PM Modi 3.O Cabinet: मोदी ने राजस्थान से क्यों रिपीट किए 3 पुराने चेहरे? जानें एक नए चेहरे की एंट्री के मायने
PM Narendra Modi Shapath Grahan Samaroh: नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद के रूप में शपथ ली जहां वह पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद ऐसा करने वाले दूसरे पीएम बन गए हैं. वहीं पीएम के अलावा उनकी टीम ने भी शपथ ली जहां राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान को कैबिनेट में शामिल किया गया है। वहीं मोदी 3.0 कैबिनेट में राजस्थान का कद बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है जहां मंत्री बने चार सांसदों में से 2 भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। मालूम हो कि पिछली मोदी सरकार में राजस्थान से केवल एक ही कैबिनेट मंत्री था।
इसके अलावा बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल को एक बार फिर स्वतंत्र प्रभार मिला है। इसके अलावा पहली बार मंत्री बनने जा रहे अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। बता दें कि राजस्थान से शपथ लेने वाले मंत्रियों में एक जाट समाज, एक राजपूत समाज, भूपेंद्र यादव ओबीसी वर्ग से और अर्जुनराम मेघवाल दलित वर्ग से आते हैं.
मालूम हो कि राजस्थान के लोकसभा चुनावों में इस बार बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा था जहां राजस्थान में बीजेपी को केवल 14 सीटें मिली थी जिसके बाद माना जा रहा था कि मंत्रियों की संख्या में कटौती हो सकती है लेकिन पीएम मोदी ने एक बार फिर हैरान किया क्योंकि 2019 में राजस्थान से 25 में से सिर्फ 4 यानी 16% लोकसभा सांसद केंद्रीय मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में थे। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों मोदी ने राजस्थान में 3 चेहरे फिर रिपीट किए?
2 तीसरी बार, 1 दूसरी बार और एक नया चेहरा
दरअसल बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में भी मंत्री रहे हैं जहां वे पहले राज्यमंत्री रहे और बाद में उन्हें न्याय और कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिया गया। वहीं जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2017 में मंत्री बनाया गया था।
इसके बाद 2019 में उन्हें कैबिनेट मंत्री पर प्रमोट किया गया। इसके अलावा भूपेंद्र यादव को राज्यसभा सांसद रहते मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में श्रम और रोजगार मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं भागीरथ चौधरी पहली बार दिल्ली में मंत्री बने हैं।
11 सीटें कम हुई, लेकिन नहीं घटे मंत्री
मालूम हो कि हाल में हुए लोकसभा चुनावों में राजस्थान से बीजेपी की केवल 14 सीटें मिली है जहां 2014 और 2019 के मुकाबले 11 सीटें कम आई हैं। माना जा रहा था कि सीटों की कमी ही राजस्थान से मंत्रियों की संख्या कम होने का आधार बन सकती है लेकिन ऐसा नहीं देखने को मिला। बताया जा रहा है कि बीजेपी ने सीटों की कम संख्या के अलावा जातिगत संतुलन को ध्यान में रखा है जहां कैलाश चौधरी के रूप में जाट चेहरा हटने के बाद भागीरथ चौधरी को शामिल किया गया है।
परफॉर्मेंस और अनुभव भी बना आधार
दरअसल एनडीए ने इस बार दो दलों के सहयोग के केंद्र में सरकार का गठऩ किया है ऐसे में पीएम मोदी को अपनी टीम में पुराने और अनुभवी लोगों की जरूरत थी जिसके बाद अर्जुन राम मेघवाल और गजेंद्र सिंह शेखावत को रिपीट किया गया है।
इसके अलावा हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए दलित और राजपूत चेहरे को मंत्रिमंडल में फिर जगह दी गई है। वहीं शेखावत, मेघवाल और यादव का केंद्रीय मंत्रालयों में काम अच्छा रहा है जहां पीएम ने इस बार गुड परफॉर्मेंस को भी आधार बनाया है।
.