राजस्थान की पुलिस लाइनों में नहीं उड़ रहा गुलाल, कई जिलों में पुलिसकर्मियों ने किया होली का बहिष्कार...क्या है वजह?
Police Rajasthan Holi 2025: राजस्थान में इस बार होली के त्योहार का नजkरा कुछ अलग ही देखने को मिला। जहां एक ओर करौली और भरतपुर में पुलिसकर्मी एसपी के साथ जमकर रंगों में डूबे, वहीं दूसरी ओर जयपुर, उदयपुर, अजमेर, हनुमानगढ़ और राजसमंद जैसे कई जिलों में पुलिस लाइनें सूनी पड़ी रहीं। हर साल जहां पुलिस लाइन में सिपाही से लेकर बड़े अधिकारी तक एक साथ होली खेलते थे, इस बार वहां न तो गुलाल उड़ा और न ही ढोल-नगाड़ों की धुन गूंजी।
इस बहिष्कार की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि (Police Rajasthan Holi 2025)कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी, बल्कि पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे से होली न मनाने की अपील की। कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के अधिकारियों ने मैसेज साझा कर इस विरोध को समर्थन देने की बात कही।
#Tonk: पुलिसकर्मियों ने किया होली का बहिष्कार, पुलिस लाइन में पसरा सन्नाटा!
टोंक पुलिस लाइन में वेतन विसंगतियों को लेकर पुलिस कर्मियों का विरोध, पुलिस लाइन में होने वाले कार्यक्रम का किया बहिष्कार,
टोंक जिले भर के थानों में आज नहीं खेलेंगे होली, पुलिस कर्मियों ने होली नहीं… pic.twitter.com/Uug6vmPlUD
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) March 15, 2025
क्यों नाराज हैं राजस्थान पुलिस के जवान?
राजस्थान पुलिस के जवान लंबे समय से वेतन विसंगति और प्रमोशन को लेकर नाराज हैं। पुलिसकर्मियों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि अन्य सरकारी विभागों की तरह पुलिस में भी नियमित रूप से DPC (Departmental Promotion Committee) द्वारा प्रमोशन नहीं हो रहा। प्रमोशन में देरी के कारण कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को अपने करियर में कई सालों तक इंतजार करना पड़ता है।
प्रमोशन की लड़ाई...
पुलिसकर्मियों की मुख्य मांग यह है कि कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल से एएसआई, एएसआई से एसआई और एसआई से सीआई बनने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। अन्य विभागों में जहां समय पर प्रमोशन हो जाता है, वहीं राजस्थान पुलिस के जवानों को इसके लिए सालों इंतजार करना पड़ता है।
वेतन असमानता की नाराजगी...
दूसरी बड़ी समस्या वेतन असमानता की है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि पटवारी और कनिष्ठ लिपिक जैसे पदों पर तैनात सरकारी कर्मचारियों को समय पर प्रमोशन और बेहतर ग्रेड पे मिल जाता है, जबकि पुलिसकर्मियों को 24x7 ड्यूटी करने के बावजूद उतनी सुविधाएं नहीं दी जातीं। त्योहारों, छुट्टियों और आपातकालीन परिस्थितियों में भी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी रहती है, लेकिन उनकी वेतन संरचना और प्रमोशन सिस्टम अन्य सरकारी कर्मचारियों की तुलना में कमजोर बना हुआ है।
विधानसभा में उठा था मुद्दा...
यह मुद्दा नया नहीं है। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में भी पुलिसकर्मियों के प्रमोशन और वेतन विसंगति का मामला उठा था, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सरकार की इस अनदेखी से नाराज होकर इस बार पुलिसकर्मियों ने होली का बहिष्कार कर विरोध जताने का फैसला किया।
सरकार के लिए चेतावनी या सिर्फ विरोध?
इस बार राजस्थान पुलिस के जवानों ने त्योहार का बहिष्कार कर सरकार तक अपनी नाराजगी पहुंचाने की कोशिश की है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार इस विरोध को गंभीरता से लेगी? अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो यह विरोध और बड़ा रूप ले सकता है। राजस्थान पुलिस के इस अनोखे विरोध ने सरकार के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि क्या पुलिसकर्मियों की यह आवाज सरकार तक पहुंचेगी या फिर यह विरोध सिर्फ एक त्योहार तक सीमित रह जाएगा।
यह भी पढ़ें :Bhilwara: होली की रात दर्दनाक हादसा, जीजा-साले व रिश्तेदार की मौत…खाई में मिला एक
यह भी पढ़ें: जूली के बयान से उठा बवंडर! गहलोत बोले- कलाकारों की कोई श्रेणी नहीं, कला की इज्जत होनी चाहिए
.