वायरल हो रही तस्वीर! राजस्थान में पुलिस जीप के पीछे कुर्सी क्यों? जानें असली सच्चाई
Police Research Chair : नए अपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद पुलिस के लिए चुनौतियाँ और भी बढ़ गई हैं। अब पुलिस को डिजिटल वीडियो एविडेंस और अन्य औपचारिकताओं का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते पुलिस को भी अपनी कार्यशैली को हाईटेक बनाना पड़ा है। ड्रग ट्रैफिकिंग से लेकर अभियुक्तों को पकड़ने तक, पुलिस अब एक विशेष उपकरण के साथ काम करती है—"अनुसंधान कुर्सी"। यह कुर्सी पुलिस के कार्मिकों को मौके पर बैठकर औपचारिकताएं पूरी करने का अवसर देती है, (Police Research Chair) जिससे कार्रवाई और भी प्रभावी और व्यवस्थित होती है। इस नई कार्यशैली के साथ पुलिस ने अपने कदम और भी मजबूत कर लिए हैं।
अनुसंधान कुर्सी और स्पेशल बॉक्स का विकास
जोधपुर के कमिश्नरेट पुलिस ने हाल ही में एक अनोखी पहल शुरू की है, जिसमें स्पेशल अनुसंधान बॉक्स और एक विशेष कुर्सी का निर्माण किया गया है। यह कुर्सी पुलिस को मौके पर कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार करने में मदद करती है, जैसे कि स्टडी टेबल पर बैठकर काम करने जैसा। इस कुर्सी के साथ एक विशेष बॉक्स भी जोड़ा गया है, जिसमें फाइलें और अन्य जरूरी सामान रखा जा सकता है। इस प्रणाली में एक खास हैंडल भी शामिल किया गया है, जिसे पुलिस की गाड़ी के पीछे टांगा जा सकता है, जिससे पुलिस को कार्रवाई के दौरान संसाधनों की बचत होती है।
पुलिस के लिए उपयोगी... कार्यक्षम: 'अनुसंधान कुर्सी'
'अनुसंधान कुर्सी' को लेकर बासनी थाना अधिकारी मोहम्मद सफीक ने NDTV राजस्थान से बातचीत में बताया कि नए भारतीय कानून के तहत सभी कार्रवाइयाँ घटनास्थल पर ही की जानी चाहिए। वीडियोग्राफी से लेकर पेपर वर्क तक, सब कुछ मौके पर ही पूरा करना होता है। ऐसे में, 'अनुसंधान कुर्सी' एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो रही है। जब घटनास्थल पर बैठने की कोई जगह नहीं होती, तो यह कुर्सी पुलिस कर्मियों को बैठने का स्थान प्रदान करती है, जिससे सभी औपचारिकताएँ आसानी से पूरी की जा सकती हैं। पुलिस के लिए यह कुर्सी अब एक अत्यधिक सहायक उपकरण बन चुकी है।
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