Rajasmand: राजस्थान के इस गांव में पटाखे जलाने पर पाबंदी! प्रदूषण और सरकार के आदेश का क्या है मामला?
Rajasmand News: दीपावली का त्योहार खुशियों और उमंगों का प्रतीक है, लेकिन इस बार त्योहार के साइड इफेक्ट्स ने सबको चौंका दिया है। पटाखों के धुएं से बढ़ता प्रदूषण, सूखे चारे में आग लगने की घटनाएं और (Rajasmand News )आपसी विवादों की बढ़ती संख्या ने इस पर्व की खुशियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए, राजसमंद के उपनगर धोइंदा में सर्व समाज ने मिलकर एक अनोखी पहल की है। यहां, दीपोत्सव के पांच दिनों तक सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगा दी गई है, और केवल अपने मकान के बाहर ही पटाखे जलाने की अनुमति होगी। यह फैसला दर्शाता है कि त्योहारों के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
बेजुबानों की सुरक्षा के लिए उठाया बड़ा कदम.. धोइंदा गांव में पटाखों पर कड़ी पाबंदी
धोइंदा गांव में एक अनोखी पहल के तहत, जहां अधिकांश लोग पशुधन रखते हैं, जानवरों के आसपास पटाखे जलाने पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है। यह फैसला बेजुबानों को सुरक्षित रखने और आपसी विवादों को टालने के उद्देश्य से लिया गया है। धुंधलाज माताजी सेवा समिति के प्रवक्ता भेरूलाल लोढ़ा ने कहा, "हमारे नियम न केवल बेजुबानों को परेशानी से बचाते हैं, बल्कि गांव में सौहार्द और एकता को भी बढ़ावा देते हैं।"
अनुशासनात्मक कार्रवाई का अलर्ट..नियम तोड़ने वालों के लिए खतरे की घंटी
इन नियमों का उल्लंघन करने वाले परिवारों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह पहला मौका है जब गांव में इस तरह के नियम लागू किए गए हैं, और इसकी हर जगह सराहना हो रही है। स्थानीय लोग मानते हैं कि ऐसे नियम प्रदूषण में कमी लाने, पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आपसी भाईचारे को बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। क्या धोइंदा गांव की यह पहल अन्य स्थानों के लिए एक मिसाल बनेगी?
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