Ajmer: किताबों को छोड़कर नमाज, क्या यह एक अनकही कहानी है?
Namaz in School: किशोर सोलंकी। ब्यावर जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां स्कूल समय में नमाज (Namaz in School) अदा करने और विद्यार्थियों को भी नमाज पढ़ने के लिए प्रेरित करने पर शिक्षिका आसमा परवीन को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही, एक अन्य शिक्षिका, शगुफ्ता, के निलंबन की सिफारिश की गई है। यह मामला सीनियर सेकंड ग्रेड शिक्षिकाओं से संबंधित है, जो स्कूल परिसर में ही नमाज पढ़ती थीं। इस विवाद ने शिक्षा जगत में गहरी हलचल मचा दी है और कई सवाल उठाए हैं।
शिकायत , जांच का विवरण
असमा परवीन लेवल 2 की शिक्षिका हैं जबकि शगुफ्ता सेकंड ग्रेड की शिक्षिका हैं। दोनों शिक्षिकाएं स्कूल परिसर में ही नमाज अदा करती थीं, जिसके लिए उन्हें कई बार टोका गया, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया। मामला जब ग्रामीणों तक पहुंचा तो उन्होंने इस पर नाराजगी जताई, जिसके बाद शिकायत स्कूल प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक तक पहुंची।
जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार गुप्ता ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अतीतमंड स्कूल की प्रधानाचार्य विमला चौहान और गणेशपुरा स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील व्यास की एक कमेटी बनाई, जिसने जांच के बाद पुष्टि की कि दोनों शिक्षिकाएं स्कूल के समय में नमाज पढ़ती थीं और विद्यार्थियों को भी इसके लिए उकसाती थीं।
निलंबन की प्रक्रिया और निर्देश
जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका असमा परवीन को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया। उन्हें जवाजा सीबीईओ कार्यालय में हेडक्वार्टर किया गया है, और नियमानुसार 50 प्रतिशत निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। दूसरी शिक्षिका शगुफ्ता के मामले को उनके सेकंड ग्रेड में होने के कारण संयुक्त निदेशक अजमेर को कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
ब्यावर खास स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य महेंद्र माली ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशानुसार असमा परवीन को सीबीईओ कार्यालय जवाजा के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है, जबकि शगुफ्ता अभी स्कूल में कार्यरत हैं और उनके संबंध में जो भी निर्देश मिलेंगे, उसकी पालन की जाएगी।
शिक्षिका असमा परवीन का निलंबन, शगुफ्ता पर कार्रवाई प्रस्तावित
ब्यावर खास स्कूल में नमाज अदा करने और विद्यार्थियों को उकसाने का यह मामला शिक्षिकाओं के लिए एक गंभीर संज्ञान बन गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि असमा परवीन को निलंबित किया गया है, जबकि शगुफ्ता के मामले को उनके स्तर पर निलंबित नहीं किया जा सकता।
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