काम की खबर: फायदे में रहेंगे अगर लगा ली मोठ के ये किस्म, मानसून में होगी किसानों की बल्ले-बल्ले
Two Moth Varietes: जोधपुर। बारिश होने वाली है और आप इस बार अगर खेत में मोठ की खेती करने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है, क्योंकि इस फसल के बीज को उगाने के बाद आपको लगभग 30% अधिक फसल मिलेगी। साथ ही फसल का रिस्क भी कम होगा। इस फसल को पकने में 60 से 65 दिन का वक्त लगेगा। वहीं अगर और अच्छी बारिश हो गई तो आपकी बल्ले-बल्ले है।
कैसे ये किस्म है किसानों के लिए फायदेमंद?
बता दें कि मानसून आने वाला है और जल्द ही खेतों में किसान भाई फसल बोने वाले हैं। यदि कोई किसान भाई इस बार मोठ(Two Moth Varietes) की फसल अपने खेत में उगाने की सोच रहे हैं तो यह खबर उसके लिए जरूरी है। दरअसल, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान ने मोठ की एक ऐसी किस्म विकसित की है जिसे काजरी मोठ 4 और काजरी मोठ 5 नाम दिया गया है।
क्यों खास है मोठ की ये फसल?
यह मोठ 60 से 65 दिन में पककर तैयार हो जाते हैं। मोठ(Two Moth Varietes) की इस फसल पर 30 दिन बाद फूल आने शुरू हो जाते हैं और फिर फलियां आनी शुरू हो जाती हैं। बता दें कि मोठ की यह किस्म दूसरी किस्म से थोड़ी अलग है और इसका डंठल जमीन से थोड़ा ऊपर होता है। इसके साथ ही फलियां भी अधिक लगती हैं।
#Jodhpur: मोठ की खेती करने जाने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर, इस मोठ की किस्म से मिलेगी 30% अधिक फसल
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) June 25, 2024
- केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान ने मोठ की एक ऐसी किस्म विकसित की है जिसे काजरी मोठ 4 और काजरी मोठ 5 नाम दिया गया है.
- यह मोठ 60 से 65 दिन में पककर तैयार हो जाते… pic.twitter.com/1nodQHCfdu
फसल पर कीड़े लगने के चांस कम
इस मोठ की फसल(Two Moth Varietes) पर बीमारी लगने के चांस भी बहुत कम रहते हैं। इससे पहले मोठ की कई ऐसी किस्म थीं जो 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाती थीं, लेकिन इन फसलों पर कीड़े लगना और फसल खराब होने के चांस अधिक रहते थे। इसी के चलते कृषि वैज्ञानिकों का शोध लगातार जारी था और अब काजरी मोठ 4 और काजरी मोठ 5 नाम की यह दोनों किसमे किसानों के लिए वरदान साबित होने वाली है।
इस मोठ की खासियत यह है कि एक तो खेत में बहाते वक्त अच्छी बारिश की आवश्यकता है और एक बारिश 30-35 दिन बाद हो जाए तो इस फसल से शानदार उत्पादन मिलेगा। साथ ही अगर फसल पक रही है और फिर बूंदाबांदी हो जाती है तो इस फसल से उत्पादन दो गुना बढ़ जाएगा, क्योंकि उसके बाद भी नई फलियां भी आने शुरू हो जाएंगी, वहीं इस फसल से अच्छा चारा भी मिलेगा।
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