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Banswara: 13 साल बाद बांसवाड़ा का रेल सपना होगा पूरा? मंदसौर रूट से जुड़ने की तैयारी

Banswara Railway Connectivity: (मृदुल पुरोहित) गुजरात और मध्यप्रदेश की सीमाओं से सटे वागड़ अंचल के बांसवाड़ा जिले का वर्षों पुराना सपना, रेल सेवा का इंतजार, अब नई दिशा में बढ़ता दिख रहा है।(Banswara Railway Connectivity) 13 साल पुरानी डूंगरपुर-रतलाम वाया...
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Banswara Railway Connectivity: (मृदुल पुरोहित) गुजरात और मध्यप्रदेश की सीमाओं से सटे वागड़ अंचल के बांसवाड़ा जिले का वर्षों पुराना सपना, रेल सेवा का इंतजार, अब नई दिशा में बढ़ता दिख रहा है।(Banswara Railway Connectivity) 13 साल पुरानी डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना के ठंडे बस्ते में जाने के बाद रेलवे ने अब बांसवाड़ा को मंदसौर के रास्ते जोड़ने के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे शुरू किया है। साथ ही, बांसवाड़ा को कोटा से जोड़ने वाले नए नेशनल हाईवे की भी योजना बनाई जा रही है। ये परियोजनाएं बांसवाड़ा और उसके आसपास के क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में लाने की उम्मीद जगाती हैं।

बांसवाड़ा- प्रतापगढ़ को रेल सेवा से जोड़ने की नई पहल

केंद्र सरकार ने 2023 में मंदसौर से बांसवाड़ा वाया प्रतापगढ़ तक नई रेल लाइन के लिए सर्वे की घोषणा की थी। अब इस घोषणा के तहत रेलवे ने फाइनल लोकेशन सर्वे शुरू किया है। यह नई 120 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बांसवाड़ा से मंदसौर तक जाएगी और इसमें प्रतापगढ़ व घाटोल जैसे आदिवासी इलाकों को सीधे रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

नई रेल लाइन का लाभ

इस नई रेल लाइन से बांसवाड़ा और मंदसौर के बीच सीधी कनेक्टिविटी स्थापित होगी, जिससे क्षेत्र के आदिवासी क्षेत्रों को सीधे रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, बांसवाड़ा को राजस्थान के मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जो क्षेत्रीय विकास को गति प्रदान करेगा। रतलाम रेल मंडल के पीआरओ खेमराज मीणा के मुताबिक, अगले बजट में इस परियोजना के लिए धन आवंटन की उम्मीद है।

 बांसवाड़ा परियोजना में रुकावट

डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना अब ठंडे बस्ते में है। लोकसभा चुनाव से पहले इसकी शुरुआत हुई थी, लेकिन अब यह कार्य बंद पड़ा है। इस परियोजना के तहत डूंगरपुर से बांसवाड़ा तक 142.85 किमी और मध्यप्रदेश में 49.15 किमी रेल लाइन बिछानी है। हालांकि, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी के कारण परियोजना की प्रगति धीमी रही है।

 राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की योजना

बांसवाड़ा को कोटा से जोड़ने वाले नए राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण भी शुरू किया जा रहा है। यह 185 किलोमीटर लंबा मार्ग कोटा से रावतभाटा, प्रतापगढ़ होते हुए बांसवाड़ा तक बनेगा। इस मार्ग के निर्माण से क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और आदिवासी इलाकों में उद्योगों की स्थापना की संभावना बढ़ेगी।

आदिवासी क्षेत्रों के लिए विकास के नए रास्ते

इन परियोजनाओं के पूरा होने से बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। रेल और सड़क कनेक्टिविटी से इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे यहां के लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएगा।

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