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राजस्थान के इस जिले के लोग हो सकते हैं मालामाल! जमीन में दबी है बेशुमार खनिजों की खान! 8 दिन से चल रहा सर्वे

Geological Survey in Sirohi: (अनिल रावल)। सिरोही जिले के आबूरोड क्षेत्र में भू खनिज होने की सम्भावना को लेकर भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिसमे क्षेत्र में हैलीकाप्टर से सर्वे किया जा रहा है। ( Geological Survey...
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Geological Survey in Sirohi: (अनिल रावल)। सिरोही जिले के आबूरोड क्षेत्र में भू खनिज होने की सम्भावना को लेकर भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिसमे क्षेत्र में हैलीकाप्टर से सर्वे किया जा रहा है। ( Geological Survey in Siroh) भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय खान मंत्रायल के अंतर्गत यह सर्वे किया जा रहा है जिसमे हैलीकॉपटर से केंद्र सरकार के दो अधिकारी सहित पायलट व इंजिनियर की कुल 10 सदस्य टीम है। यह डिटेल्स सर्वे है। एक प्रारम्भिक सर्वे गुजरात के महेसाना में भी चल रहा है। आबूरोड व सिरोही जिले में 21 नवम्बर से यह शुरू हुआ है जो अगले एक सप्ताह तक चलेगा। सर्वे की एक रिपोर्ट जिला कलक्टर को भी दी जायेगी।

सर्वे में उन्नत हेलीबोर्न तकनीकी का उपयोग

विभाग ने बताया की भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने भारत सरकार के खान मंत्रालय के राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) द्वारा वित्तपोषित एक उन्नत हेलीबोर्न टाइम डोमेन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (टीडीईएम) और चुंबकीय भूभौतिकीय सर्वेक्षण शुरू किया है। यह ब्लॉक-1 पर किए गए राष्ट्रीय हवाई भूभौतिकीय मानचित्रण कार्यक्रम (एनएजीएमपी) का एक विस्तृत अनुवर्ती सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण में हेलीकॉप्टर में लगे उन्नत टीडीईएम और चुंबकीय सेंसर का उपयोग करके 198 वर्ग किमी क्षेत्र में सर्वेक्षण करते हुए 1429 किमी फ्लाइट पंक्तियो पर उच्च विभेदन वाले डेटा को एकत्रित किया जाएगा। यह सर्वेक्षण 150 मीटर की उड़ान रेखा अंतराल और 1500 मीटर की टाई लाइन अंतराल पर किया जाता है, जिसमें सेंसर जमीन से 40 मीटर की ऊंचाई पर काम करते हैं।

सर्वेक्षण के परिणाम अगले 1 साल में उपलब्ध होंगे

इस सर्वेक्षण के परिणाम भूवैज्ञानिक संरचनाओं और खनिज संभावित क्षेत्रों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे जो सतह पर दिखाई नहीं देते हैं। चुंबकीय डेटा के साथ संयुक्त टीडीईएम विधि, तांबे, निकल और सोने जैसे मूल्यवान खनिज भंडारों से जुड़े प्रवाहकीय क्षेत्रों की पहचान करने में सहायक होगी। सर्वेक्षण उप-सतही भूविज्ञान और खनिजकरण को अधिक विस्तार से मानचित्रण करने में मदद करेगा, जिसे अक्सर पारंपरिक चुंबकीय तरीकों का उपयोग करके जांच करना मुश्किल होता है। यह भारत की खनिज अन्वेषण क्षमताओं को बढ़ाने और इसके खनन क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने की एक व्यापक पहल का हिस्सा है।

परियोजना के पूरा होने के बाद यह आंकडें सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध कराए जाएंगे जिसे सरकारी और निजी अन्वेषण एजेंसियां, राष्ट्रीय भूविज्ञान डेटा रिपॉजिटरी (एनजीडीआर) पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर सकती हैं। इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों का उपयोग अन्वेषण रणनीतियों को परिष्कृत करने और भविष्य की संसाधन विकास परियोजनाओं के प्रोत्साहन लिए किया जाएगा।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, राजस्थान के सिरोही ब्लॉक के साथ-साथ ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में भी इसी तरह के सर्वेक्षण करेगा जिसमें दस अलग-अलग ब्लॉकों में कुल 3,354 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया जाएगा। विभाग ने बताया की सर्वे के पूरा होने के बाद यह रिपोर्ट कलकत्ता में खनिज विभाग के कार्यालय भेजी जायेगी जंहा करीब 1 साल से अधिक के समय में सर्वे पर जांच की जायेगी। और उसके बाद पता चल पायेगा की इस सर्वे में ज़मीन के नीचे कौनसा खनिज है।

207-18 में हवाई जहाज से हुआ था सर्वे

आबूरोड व आसपास के क्षेत्र सहित जिले में खनिज होने की संभावना के चलते वर्ष 2017-18 में हवाई जहाज से पुरे क्षेत्र के सर्वे हो चूका है जिसमे कुछ सकारात्मक परिणाम आने के बाद अब हैलीकॉपटर से सर्वे किया जाएगा। जिले में कुल करीब 1500 किलोमीटर का सर्वेक्षण किया जाएगा जिसमे 1000 किलोमीटर का सर्वे हो गया है।

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