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Bharatpur: भरतपुर के जघीना हत्याकांड की गूंज! जेल में बंद बेटे ने हथकड़ियों में दी पिता को मुखाग्नि

Jaghina Murder Case: राजस्थान के भरतपुर जिले का जघीना गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। (Jaghina Murder Case)यहां की शांत और साधारण ज़िंदगी को जमीनी विवाद ने ऐसा खूनी रंग दिया कि पूरा इलाका दहशत और दर्द के साए...
06:12 PM Nov 26, 2024 IST | Rajesh Singhal
Jaghina Murder Case: राजस्थान के भरतपुर जिले का जघीना गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। (Jaghina Murder Case)यहां की शांत और साधारण ज़िंदगी को जमीनी विवाद ने ऐसा खूनी रंग दिया कि पूरा इलाका दहशत और दर्द के साए...

Jaghina Murder Case: राजस्थान के भरतपुर जिले का जघीना गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। (Jaghina Murder Case)यहां की शांत और साधारण ज़िंदगी को जमीनी विवाद ने ऐसा खूनी रंग दिया कि पूरा इलाका दहशत और दर्द के साए में डूब गया। कुलदीप और कृपाल के बीच शुरू हुआ यह विवाद दो परिवारों को ऐसा दुश्मन बना गया, जिन्होंने खून-खराबे की सारी हदें पार कर दीं।

कहानी की शुरुआत होती है जब जघीना गांव के कुलदीप ने अपने ही गांव के कृपाल की हत्या कर दी। यह वारदात गांव में सनसनी बनकर गूंजने लगी। पर मामला यहीं खत्म नहीं हुआ,कृपाल के परिजनों ने दिनदहाड़े कुलदीप की जान लेकर इस खूनी खेल को अंजाम तक पहुंचाया। जमीनी विवाद से शुरू हुई यह दुश्मनी, अब दो परिवारों की तबाही का कारण बन चुकी है।

 पुलिस सुरक्षा में हुआ अंतिम संस्कार

कृपाल जघीना के पिता रामभरोसी सोगरवाल का 22 नवंबर को बीमारी के चलते निधन हो गया। घर के सभी पुरुष सदस्य जेल में बंद होने के कारण शव 5 दिन तक आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में पड़ा रहा। अदालत के आदेश पर बेटे रविंद्र को अजमेर हाई-सिक्योरिटी जेल से पैरोल दी गई, जिसके बाद पुलिस सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार हुआ।

कोर्ट ने दी पैरोल...

कृपाल की बेटी ने पहले भरतपुर कलेक्टर और जेल अधीक्षक से पिता को मुखाग्नि देने की अनुमति मांगी, जिसे खारिज कर दिया गया। सोमवार को वैर कोर्ट में दी गई याचिका के बाद रविंद्र को दाह संस्कार के लिए पैरोल मिली। मंगलवार को पुलिस सुरक्षा के बीच गांव में अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।

क्या है जघीना हत्याकांड?

जमीनी विवाद से शुरू हुई इस दुश्मनी में 4 सितंबर 2022 को कुलदीप जघीना ने कृपाल जघीना को गोली मार दी। इसके बदले में कृपाल के परिजनों ने 12 जुलाई 2023 को कोर्ट ले जाते समय कुलदीप की हत्या कर दी।

जमीन का विवाद बना खूनी दुश्मनी का कारण

कुलदीप ने 25 करोड़ की जमीन मात्र 4 करोड़ में खरीदी थी, लेकिन कृपाल ने इस पर कोर्ट का स्टे लगवा दिया। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की हत्या कर दी, जिससे दोनों परिवार तबाह हो गए।

कृपाल के सभी पुरुष सदस्य जेल में

कृपाल की हत्या के बदले में कुलदीप की हत्या के आरोप में कृपाल के भाई रविंद्र सिंह, सत्यवीर सिंह, भतीजे पंकज और बेटे आदित्य अजमेर जेल में बंद हैं।

अंतिम संस्कार पर भारी सुरक्षा तैनात

रविंद्र को पुलिस वाहन में गांव लाया गया, जहां पुलिस ने चारों ओर से सुरक्षा घेरा बनाए रखा। पूरे गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। पांच दिन बाद मृतक के पिता का अंतिम संस्कार किया जा सका।

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