Jaipur: हेरिटेज में BJP ने खेला मास्टर स्ट्रोक! निर्दलीय पार्षद को मिली कुर्सी, कुसुम यादव बनी कार्यवाहक मेयर
Jaipur Heritage Municipal Corporation: जयपुर नगर निगम हेरिटेज में निर्दलीय पार्षद Kusum Yadav ने कार्यवाहक मेयर का पद संभाला है। उनका कार्यकाल 60 दिनों का होगा। यह स्थिति उस समय उत्पन्न हुई है जब कांग्रेस पार्टी के 8 पार्षदों ने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। कुसुम यादव पहले भी नगर निगम में पार्षद रह चुकी हैं और वह सांस्कृतिक समिति की अध्यक्ष के रूप में भी अपनी जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं।
कुसुम यादव का संबंध भाजपा कार्यकर्ता अजय यादव से है, जो उनकी राजनीतिक यात्रा को और भी दिलचस्प बनाता है। पार्षद चुनाव के दौरान भाजपा ने कुसुम यादव को टिकट नहीं दिया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। चुनाव जीतने के बाद, उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया और पार्टी ने उन्हें मेयर पद का उम्मीदवार बनाया।
कांग्रेस के 8 पार्षदों का भाजपा में शामिल होने का निर्णय
हाल ही में, कांग्रेस पार्टी के 8 पार्षदों ने बिना शर्त भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने का निर्णय लिया। इनमें मनोज मुद्गल, उत्तम शर्मा, ज्योति चौहान, सुशीला देवी, अरविंद मेठी, मोहम्मद जकरिया, पारस जैन, और संतोष कंवर शामिल हैं। पार्षदों का कहना है कि उन्होंने निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर की कार्यशैली से परेशान होकर यह कदम उठाया।
कांग्रेस के इन पार्षदों ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलने के बाद बिना शर्त समर्थन पत्र सौंपा। पार्षदों ने यह भी कहा कि मुनेश गुर्जर के खिलाफ उनकी शिकायतें पार्टी में सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
मुनेश गुर्जर का भ्रष्टाचार: पार्षदों की चिंता
मनोज मुद्गल ने कहा कि "मुनेश गुर्जर ने नगर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था।" पार्षदों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और भाजपा के साथ मिलकर शहर के विकास को आगे बढ़ाने का वादा किया है। इस मामले में, कुसुम यादव का कार्यकाल और कांग्रेस के पार्षदों का भाजपा में शामिल होना एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
कुसुम यादव की पृष्ठभूमि: एक सफल पार्षद की कहानी
कुसुम यादव, जो भाजपा कार्यकर्ता अजय यादव की पत्नी हैं, पहले भी सांस्कृतिक समिति की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे दूसरी बार नगर निगम में पार्षद बनी हैं और उनका राजनीतिक अनुभव उन्हें इस नए पद के लिए उपयुक्त बनाता है। उनका मेयर बनना इस बात का प्रतीक है कि स्थानीय राजनीति में उनकी स्वीकार्यता और प्रभाव बढ़ रहा है।
कांग्रेस पार्षदों का भाजपा में शामिल होना: राजनीतिक हलचल
इससे पहले, जयपुर हेरिटेज नगर निगम में 8 कांग्रेस पार्षद बिना शर्त भाजपा में शामिल हो गए थे। यह कदम नगर निगम के निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर की कार्यशैली के खिलाफ उठाया गया था। इन पार्षदों ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष Madan Rathore से अनौपचारिक मुलाकात के बाद भाजपा में शामिल होने का फैसला किया था। कांग्रेस के अंदर खींचतान और गुर्जर के खिलाफ चल रही शिकायतों के चलते यह बदलाव आया।
भाजपा को मिला बहुमत: क्या यह राजनीति का नया मोड़ है?
इस राजनीतिक परिवर्तन के बाद अब भाजपा के पास 50 पार्षद हो गए हैं, जिससे उन्हें पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ है। जयपुर हेरिटेज नगर निगम में 100 वार्ड हैं, और बहुमत के लिए 51 पार्षदों की आवश्यकता होती है। कुसुम यादव के मेयर बनने से भाजपा को शहर के विकास में अपनी नीतियों को लागू करने में मदद मिलेगी।
आने वाले दिनों की चुनौतिया
हालांकि, कुसुम यादव के सामने कई चुनौतियां होंगी। उन्हें नगर निगम के विकास को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम करना होगा और उन समस्याओं का समाधान खोजना होगा जो शहर के निवासियों का सामना कर रहे हैं। साथ ही, कुसुम को यह सुनिश्चित करना होगा कि भाजपा की नीतियां और योजनाएं शहर की जनता के लिए लाभदायक साबित हों।
कुसुम यादव के कार्यकाल के दौरान Jaipur Heritage Municipal Corporation में कौन से बदलाव आते हैं, यह देखने योग्य होगा। क्या वे भाजपा के विकास की दिशा में एक नई ऊंचाई प्रदान कर पाएंगी, या क्या कांग्रेस के पार्षदों की असंतोष और अन्य राजनीतिक हलचलें फिर से सवाल खड़े करेंगी? आने वाले समय में यह स्पष्ट होगा।
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