पहले चुनावी मजबूरी, अब मुद्दों पर बढ़ी दूरी! BAP की भील प्रदेश की डिमांड पर कांग्रेस की ना...ना...ना
Rajasthan Congress and BAP: (मृदुल पुरोहित) बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मैदान में अपना प्रत्याशी होने के बाद भी भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन दिया था, किंतु समय बीतने के साथ अब दोनों दलों में दूरियां लगातार बढ़ रही हैं। प्रमुख चुनाव के बाद विधानसभा उपचुनाव में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, वहीं भारत आदिवासी पार्टी की भील प्रदेश की मांग पर भी कांग्रेस ने अपना हाथ छिटक लिया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बांसवाड़ा प्रवास पर आए। राज्य सरकार की ओर से बांसवाड़ा का संभाग का दर्जा खत्म करने पर कांग्रेस की ओर से आयोजित विरोध-प्रदर्शन और रैली के बाद दोनों नेताओं ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की। इसमें प्रदेश अध्यक्ष ने भील प्रदेश की मांग से जुड़े प्रश्न पर कहा कि इस तरह की बात करना गलत बात है। कांग्रेस पार्टी इस प्रकार की मांग का कतई समर्थन नहीं करती है।
बीएपी ने उठाई थी मांग
भारत आदिवासी पार्टी ने कुछ समय पहले मानगढ़ धाम पर आदिवासी परिवार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भील प्रदेश के गठन की मांग उठाई थी। इसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की पैरवी की थी।
इसके बाद से समय-समय पर भारत आदिवासी पार्टी के कार्यक्रमों में भी भील प्रदेश के गठन की मांग उठाई जाती रही है। बीएपी के सांसद राजकुमार रोत सहित राजस्थान में पार्टी के विधायकों ने संसद और विधानसभा में भी भील प्रदेश का उल्लेख किया था।
भाजपा भी कर चुकी विरोध
भारत आदिवासी पार्टी के भील प्रदेश गठन की मांग को भारतीय जनता पार्टी भी सिरे से नकार चुकी है। मानगढ़ धाम पर आदिवासी परिवार के कार्यक्रम में उठाई मांग के बाद भाजपा के आला नेतृत्व के साथ ही जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, महेंद्रजीत सिंह मालवीया, धनसिंह रावत, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत आदि आदिवासी नेताओं ने इसका विरोध किया था।
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