किसी का पति कांस्टेबल, कोई रहा DGP तो किसी ने छोड़ी पुलिस की नौकरी....राजस्थान के इन नए सांसदों को जानिए
Rajasthan Loksabha Election 2024: राजस्थान के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 10 सीटें जीत कर 10 साल के सूखे को खत्म किया। वहीं देश में तीसरी बार सरकार बनाने जा ही बीजेपी को यहां बड़ा झटका लगा जहां 2 बार से क्लीन स्वीप करने वाली पार्टी को 14 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। जैसा कि आप जानते हैं कि देश की संसद का हर 5 सालों बाद खाका बदलता है जहां जनता कुछ पुराने चेहरों को एकदम नकार देती है तो कुछ नए चेहरों की लॉटरी खुलती है।
इसी कड़ी में राजस्थान की जनता ने भी इस बार देश की पंचायत को कई नए और युवा सांसद दिए हैं जिनमें कुछ सांसदों के राजनीतिक सफर की काफी चर्चा हो रही है। इन सांसदों में कोई अपने शुरूआती दिनों में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी करता था तो किसी के पति वर्तमान में कांस्टेबल हैं.
वहीं कोई सांसद राजस्थान में पुलिस का मुखिया रह चुका है तो किसी को कलेक्टरी छोड़ने के बाद सांसदी मिली है। आज हम बात करेंगे ऐसे ही राजस्थान के 3 सांसदों की जिनका निजी से लेकर अब शुरू होने जा रहा राजनीतिक सफर काफी रोचक और संघर्षभरा रहा है।
26 साल की MP संजना के पति हैं कांस्टेबल
राजस्थान का पूर्वी द्वार कहे जाने वाले भरतपुर की जनता ने इस बार चुनावों में हैरान कर दिया जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले से कांग्रेस की महज 26 साल की प्रत्याशी संजना जाटव ने बीजेपी के बड़े चेहरे रामस्वरूप कोली को पछाड़ दिया। संजना ने भरतपुर लोकसभा सीट से 51983 वोटों से जीत हासिल की। इससे पहले संजना जाटव ने 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कठूमर विधानसभा से चुनाव लड़ा था जहां वह महज 409 वोट से हार गई थी।
बता दें कि अलवर जिले के गांव समूची की निवासी और अब सांसद संजना यादव के पति अलवर के खेड़ली कस्बे के रहने वाले कप्तान सिंह हैं जो वर्तमान में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नौकरी करते हैं। वहीं संजना दो छोटे बच्चों की मां हैं और उन्होंने 2019 में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय से कॉलेज की पढ़ाई पूरी की है।
DGP के बाद हरीश मीणा ने शुरू की सियासी पारी
राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर सीट से कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा 64 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की है जिसके बाद अब वो सांसदी का सफर शुरू करेंगे. मीणा खुद 2009 तक राजस्थान पुलिस के डीजीपी रहे हैं जिन्होंने 2014 में राजनीति के गलियारों में कदम रखा और बीजेपी का दामन थामा। वहीं मीणा ने 2014 में दौसा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा पहली बार सांसद बने।
इसके बाद उन्होंने आगे की पारी कांग्रेस के साथ जारी रखी और अब एक बार फिर सांसद चुने गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि हरीश मीणा 1976 बैच के रिटायर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं जिन्होंने मार्च 2009 से दिसंबर 2013 तक राजस्थान पुलिस के मुखिया के तौर पर काम किया। बताया जाता है कि मीणा का डीजीपी के तौर पर कार्यकाल अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है।
उमेदाराम बेनीवाल कभी थे दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल
बाड़मेर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल ने बीजेपी के मंत्री कैलाश चौधरी को 1 लाख से अधिक के मार्जिन से हराया। वहीं इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी भी मैदान में थे लेकिन वो भी हार गए. बेनीवाल ने पिछले साल बायतू से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था जिसमें भी वो हरीश चौधरी के सामने हार गए थे। जानकारी के मुताबिक बाड़मेर के पूनियों का तला गांव के रहने वाले उम्मेदाराम एक साधारण परिवार से आते हैं जिनका सफर खेती-बाड़ी के काम से शुरू हुआ।
वहीं बेनीवाल 1995 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी करते थे जहां उन्होंने करीब 10 साल तक पुलिस में सेवाएं दी। इसके बाद 2005 में बेनीवाल ने पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर वापस आकर व्यापार करने लगे। वहीं व्यापार करने के दौरान ही उनका राजनीतिक प्रेम जागा और गांव पूनियों का तला में हुए ग्राम पंचायत के चुनाव में उनकी पत्नी पुष्पा के सरपंच बनने के साथ ही उनकी भी सियासी पारी की शुरूआत हुई। इसके बाद खुद बेनीवाल 2010 से 2015 तक वहां से सरपंच रहे।
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