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हनुमान बेनीवाल ने इस्तीफे से पहले खाली कर दिया विधायक फंड, एक दिन में कहां ठिकाने लगाए 5 करोड़?

Hanuman Beniwal: लोकसभा चुनाव में जीते हुए विधायकों के इस्तीफा देने का मंगलवार को आखिरी दिन है जहां जयपुर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने खींवसर से अपनी विधायकी का इस्तीफा दे दिया है।...
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Hanuman Beniwal: लोकसभा चुनाव में जीते हुए विधायकों के इस्तीफा देने का मंगलवार को आखिरी दिन है जहां जयपुर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने खींवसर से अपनी विधायकी का इस्तीफा दे दिया है। बेनीवाल खींवसर से लगातार चौथी बार विधायक चुने गए थे। बेनीवाल ने मंगलवार को राजस्थान विधानसभा पहुंचकर अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अपना त्याग पत्र सौंप दिया। इधर बेनीवाल के इस्तीफे देने के बाद अब खींवसर सीट पर नए विधायक के लिए उपचुनाव होने है ऐसे में बेनीवाल ने कहा कि आरएलपी चुनाव लड़ेगी लेकिन इंडिया गठबंधन के साथ लड़ने पर अभी कुछ तय नहीं किया है।

बेनीवाल ने इस्तीफा देने के आखिरी दिन अपना त्याग पत्र दिया जिसको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं की गई जहां ज्योति मिर्धा ने आरोप लगाया था कि बेनीवाल ने विधायकी छोड़ने से पहले करोड़ों के कामों की अनुशंषा कर फंड खाली कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर बेनीवाल ने इतना लेट इस्तीफा क्यों दिया और इस्तीफे से पहले उन्होंने क्या किया।

विधायक निधि के 5 करोड़ किए खर्च

हालांकि इसमें कोई शक नहीं की हनुमान बेनीवाल अब दिल्ली का रुख करेंगे लेकिन उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देने में इतनी देरी क्यों लगाई इसको लेकर चारों तरफ चर्चा चल रही है। वैसे इसका खुलासा हनुमान बेनीवाल ने खुद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर किया। बेनीवाल ने बताया कि उन्होंने अपने विधायक निधि फंड के पूरे 5 करोड़ के कार्य स्वीकृत कर दिए हैं।

बेनीवाल ने बताया कि मैंने राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र देने से पहले खींवसर विधानसभा क्षेत्र के जन-मानस की भावना के अनुरूप ,ग्राम पंचायतवार जानकारी लेकर तथा कार्यकर्ताओं व जन-प्रतिनिधियों की सलाह से मुझे प्राप्त विधायक कोष की 5 करोड़ की राशि खींवसर विधानसभा के विभिन्न गांवों में अंबेडकर भवन,सामुदायिक भवन ,सीसी ब्लॉक, गौशालाओं में विकास कार्य,सरकारी स्कूलों में कक्षा -कक्षों, चारदिवारी, गांवो में हाई मास्क लाइट्स,ग्रेवल सड़कों पानी की पाइप लाइनों ,चौराहे बनाने,विद्युतीकरण के कार्य तथा सरकारी स्कूलों  में मुख्य द्वार बनाने जैसे विभिन्न महत्तपूर्ण कार्यों हेतु स्वीकृत की है।

आचार संहिता से अटके थे विकास कार्य

दरअसल विधानसभा चुनाव के कुछ दिनों बाद ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते प्रदेश के अधिकतर विधायक विधायक निधि से काम शुरू ही नहीं कर पाए थे। इसीलिए हनुमान बेनीवाल लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। आचार संहिता खत्म होने के बाद विधानसभा से इस्तीफा देने के पहले हनुमान 2024-25 वित्तीय वर्ष के पूरे 5 करोड रुपए अपने क्षेत्र पर खर्च करना चाहते थे इसलिए उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने से पहले सभी कामों की अनुशंषा कर दी।

मप्र की विधायक ने भी यही किया

बता दें कि हनुमान बेनीवाल के इस कदम को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भले ही होती रहे लेकिन अपने इस काम से उन्होंने खींवसर की जनता का दिल जरूर जीत लिया है। वैसे ऐसा काम करने वाले हनुमान बेनीवाल अकेले विधायक नहीं हैं मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की विधायक निर्मला ने 5 मई को कांग्रेस छोड़ भाजपा जॉइन कर ली थी लेकिन उन्होंने भी अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। निर्मला सप्रे का कहना है कि लोकसभा चुनाव के चलते उनके विधायक फंड का पैसा रिलीज नहीं हुआ था जिसका वह इंतजार कर रही थी।

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