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"अब किसान BJP को अग्निवीर बना देंगे..." सीकर सांसद अमराराम बोले- राजस्थान में मिलकर लड़े तो कांग्रेस को मिली 8 सीटें

Sikar Loksabha MP Amraram: राजस्थान के शेखावाटी में सीकर लोकसभा से 2024 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर लेफ्ट का सूरज फिर उदय हुआ जहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के उम्मीदवार के रूप में कॉमरेड अमराराम ने बीजेपी के...
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Sikar Loksabha MP Amraram: राजस्थान के शेखावाटी में सीकर लोकसभा से 2024 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर लेफ्ट का सूरज फिर उदय हुआ जहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के उम्मीदवार के रूप में कॉमरेड अमराराम ने बीजेपी के दो बार के सांसद और आर्यसमाज के राष्ट्रीय नेता स्वामी सुमेधानंद सरस्वती को 72,896 वोटों से मात दी। इस चुनाव में कॉमेरड अमराराम को 6,59,300 वोट मिल तो स्वामी सुमेधानंद को 5,86,404 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। सीकर से सांसद चुने जाने के बाद राजस्थान में खत्म हो चुके वाम मोर्चा में फिर एक उम्मीद की किरण जागी है जहां अमराराम ने कांग्रेस के गठबंधन के सहारे चुनावी वैतरणी पार की।

सीकर से जीत के बाद सांसद अमराराम ने राजस्थान फर्स्ट से खास बातचीत में बताया कि 2014 और 2019 में इंडिया गठबंधन के दल अलग-अलग लड़े थे जिसके चलते भाजपा 35-37 प्रतिशत वोटों के साथ सरकार बना गई लेकिन इस बार तमाम धर्मनिरपेक्ष दल, संविधान में विश्वास रखने वाले दल साथ आ गए तो सिर्फ राजस्थान ही नहीं यूपी, हरियाणा में भी पासा उलट हो गया। उन्होंने कहा कि इस किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, नौजवान विरोधी और व्यापारी विरोधी सरकार के 10 साल के कुशासन के खिलाफ हमने संघर्ष किया। अमराराम के मुताबिक गठबंधन का फायदा हमें हुआ है तो कांग्रेस को भी हुआ है और यह जातिवाद नहीं किसानों की जीत है।

'साथ लड़े तो कांग्रेस को मिली 8 सीटें'

अमराराम ने आगे कहा कि हम लोग जीते क्योंकि किसान आंदोलन, अग्निवीर, महिला पहलवानों का अपमान, देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वालों को घसीटा गया और किसान के बेटे को 4 साल का अग्निवीर बना दिया गया जिसके चलते ही बीजेपी को जनता ने नकार दिया। उन्होंने कहा कि 2014 और 2019 में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीती थी लेकिन इस बार सब मिलकर लड़े तो सबको फायदा हुआ। अमराराम ने कहा कि हमको एक-एक सीट का फायदा हुआ तो कांग्रेस को भी 8 सीटें मिली।

'शेखावाटी में रहा है संघर्ष का इतिहास'

वहीं शेखावाटी में बीजेपी के सफाए पर अमराराम ने आगे कहा की जो खिलाड़ियों के साथ किया वह गलत था, जो किसानों के साथ किया, जवानों के साथ किया वो गलत था. उन्होंने कहा कि आजादी के पहले भी और आजादी के बाद भी यहां से लेकर गंगानगर तक का इलाका हमेशा संघर्ष करता रहा है, यहां 2004 में 8 किसानों ने पानी के लिए शहादत दी थी और बाजरे पर लेवी के विरोध में भी यहां के लोग जेल गए हैं।

'हारते ही बीजेपी जातिवाद की बात करने लगती है'

वहीं जाटों की बीजेपी से नाराजगी पर अमराराम ने आगे कहा कि बीजेपी जीते तो जातिवाद नहीं होता और जब बीजेपी के विरोधी जीत जाते हैं तो जातिवाद हो जाता है, यह जातिवाद नहीं, किसान लड़ा था और किसान जीते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पहले कहा था कि सतीश पूनिया के नेतृत्व में चुनाव होंगे पर उनको लात मार कर भगा दिया, फिर जब बहुमत आया तो मुख्यमंत्री बनने के लिए कैलाश चौधरी को हेलीकॉप्टर से बुलाया फिर लात मार कर भगा दिया, हर जगह भाजपा किसान की जन्मजात दुश्मन है। उन्होंने आगे कहा कि किसान के बेटे जो सेना में जाते थे और 18-20 साल नौकरी करते थे उन्हें 4 साल का अग्निवीर बना दिया तो अब किसान भी बीजेपी को अग्निवीर बना देंगे।

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