Udaipur: क्या तेंदुए का आतंक थम सकेगा? वन मंत्री ने लिया बड़ा फैसला, जानें क्या होगा अगला मोड़!
Man-Eater Leopard Operation: Man-Eater Leopard Operation के तहत उदयपुर जिले में आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है। इस ऑपरेशन में आर्मी, वन विभाग, पुलिस और स्थानीय ग्रामीण शामिल हैं, जो तेंदुए को चारों ओर से घेरने के लिए तैयार हैं। खास बात यह है कि इस बार तेंदुए को फंसाने के लिए 'इंसानी चारा' का उपयोग किया जा रहा है, जिससे उसकी पकड़ और भी मुश्किल हो जाएगी।
चार दिशाओं से हमले की तैयारी
इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। पहली टीम में वन विभाग के अधिकारी, पुलिसकर्मी और जुझारू ग्रामीण शामिल हैं, जिनका काम तेंदुए को देखते ही उसे घेरना और एक तय दिशा में भगाना है। दूसरी टीम में आर्मी के जवान हैं, जो जाल बिछाकर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश करेंगे। आर्मी ने वन विभाग के साथ मिलकर यह जटिल योजना बनाई है। अब सभी की निगाहें तेंदुए के आने पर टिकी हैं, ताकि योजना के अनुसार त्वरित कार्रवाई की जा सके।
वन मंत्री का बयान: आदमखोर लेपर्ड को मारने के आदेश
राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा है कि आर्मी और स्थानीय पुलिस की मदद से आदमखोर लेपर्ड को जल्द से जल्द मारने की योजना बनाई जा रही है। मंगलवार को लेपर्ड द्वारा महिला का शिकार किए जाने के बाद वन विभाग की टीम ने घेराबंदी शुरू कर दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज शाम तक आदमखोर लेपर्ड का अंत कर दिया जाएगा।
हृदयविदारक घटना: वृद्ध महिला का शिकार
आज सुबह, गोगुंदा थाना क्षेत्र के केलवो का खेड़ा गांव में एक वृद्ध महिला, जो मवेशियों को चारा डाल रही थी, को तेंदुए ने अपना शिकार बना लिया। महिला की चीख सुनकर परिवार के अन्य सदस्य दौड़कर पहुंचे, लेकिन तेंदुआ शव वहीं छोड़कर जंगल में भाग गया। वन विभाग को विश्वास है कि तेंदुआ शव लेने के लिए लौटेगा। इसी कारण, सभी ने महिला के शव को न उठाने और उसे इंसानी चारे के रूप में इस्तेमाल करने का साहसिक फैसला किया है।
तेंदुए का आतंक: 11 दिनों में 8वां हमला!
पिछले 11 दिनों में यह तेंदुए का इंसान पर हुआ आठवां हमला है। उदयपुर जिले की गोगुंदा तहसील के लोग इस समय तेंदुए के आतंक के साए में जी रहे हैं। ग्रामीणों ने अकेले घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है, और अपने पशुओं को घर के अंदर ही बांधकर रखा है। इस समस्या की शुरुआत बड़गांव तहसील के राठौड़ों का गुड़ा से हुई थी, जहां तेंदुए ने एक पुजारी को अपना शिकार बनाया। प्रशासन ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है, और तेंदुए की हल्की सी आहट पर गांव में चीखने-चिल्लाने की आवाजें गूंजने लगती हैं।
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