UNESCO: बूंदी में छतरी के विध्वंस पर विवाद बढ़ता जा रहा है, यूनेस्को की टीम ने हाल ही में किया सर्वे, अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की!
UNESCO team visit Bundi: ( रियाजुल हुसैन) विश्व धरोहर संरक्षण के लिए प्रतिष्ठित संस्था UNESCO की टीम ने बूंदी पहुंचकर पूर्व नरेश राव सूरजमल की छतरी ध्वस्त करने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। तुलसी गांव में स्थित इस ऐतिहासिक छतरी को तोड़े जाने पर टीम ने छतरी के सांस्कृतिक और स्थापत्य महत्व को लेकर सर्वे किया। यूनेस्को के प्रतिनिधि दुष्यंत प्रताप ने कहा कि 100 साल से अधिक पुरानी किसी भी धरोहर को ध्वस्त करना अपराध की श्रेणी में आता है और इस घटना की पूरी रिपोर्ट आगे भेजी जाएगी।
प्रशासन और राजपूत समाज के बीच जारी है विवाद
राजस्थान के Bundi जिले में पूर्व नरेश राव सूरजमल की छतरी को तोड़ने के बाद राजपूत समाज (Rajput community)ने पुरानी जगह पर पुनर्निर्माण की मांग की है। हालांकि, प्रशासन ने नई जगह पर छतरी निर्माण की योजना बनाई है, जिसे लेकर समाज ने विरोध दर्ज कराया है। समाज ने प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि छतरी उसी स्थान पर बनेगी, जहां यह पहले थी।
प्रशासन 3 अक्टूबर को करेगा निर्माण कार्य, राजपूत समाज ने 8 अक्टूबर का किया ऐलान
प्रशासन ने 3 अक्टूबर को छतरी का पुनर्निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है। वहीं, राजपूत समाज ने 8 अक्टूबर को छतरी स्थल पर एकत्रित होने का आह्वान किया है। समाज का कहना है कि छतरी केवल पुरानी जगह पर ही बनेगी।
राजपूत समाज का अल्टीमेटम – छतरी पुराने स्थान पर ही बने
छतरी ध्वस्त करने की घटना के बाद समाज का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन अधिकारियों के निलंबन के बावजूद राजपूत समाज अपनी मांगों पर अडिग है और प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। समाज ने यह भी मांग की है कि एयरपोर्ट का नाम राव सूरजमल के नाम पर रखा जाए, जो इस कृत्य का पश्चाताप होगा।
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