Bikaner: रामस्वरुप कस्वां की शहादत को आत्महत्या बताने से आक्रोश, परिजन बोले- शहीद का दर्जा दें तब लेंगे पार्थिव देह
Ramswaroop Kaswan Death Case Bikaner: बीकानेर। जम्मू कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के जवान रामस्वरुप कस्वां के निधन (Ramswaroop Kaswan Death Case Bikaner) के बाद बीकानेर में बवाल मच गया। रामस्वरुप कस्वां को पहले शहीद बताया गया। मगर आरोप है कि इसके बाद जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने रामस्वरुप के सुसाइड करने की बात कही। जिससे परिजन आक्रोशित हो गए। परिजनों ने रामस्वरुप को शहीद का दर्जा देने के साथ सुसाइड की बात कहने वाले जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की और पार्थिव देह लेने से इनकार कर दिया।
किस बात से नाराज शहीद के परिजन, क्यों दे रहे धरना?
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में तैनात आर्मी जवान रामस्वरुप कस्वां का बीते दिनों निधन हो गया। कस्वां को अनंतनाग में मुठभेड़ में गोली लगने से शहीद होने की बात कही गई। मगर आरोप है कि इसके बाद जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या बता दिया और कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी की बात कही। जिससे परिजन आक्रोशित हो गए। परिजनों ने शहीद की पार्थिव देह लेने से इनकार कर दिया। आक्रोशित लोगों ने हाई-वे जाम कर दिया और जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पर कार्रवाई की मांग करने लगे।
पूर्व मंत्री बोले- रामस्वरुप कस्वां को दें शहीद का दर्जा
सैनिक की शहादत को आत्महत्या बताने के विरोध में लोगों ने धरना शुरू कर दिया और रामस्वरुप कस्वां को शहीद का दर्जा देने की मांग की । पूर्व सैनिकों के वेलफेयर से जुड़े सीताराम ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पर तानाशाही के आरोप लगाए। इस बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल, नोखा विधायक सुशीला डूडी और श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक गिरधारी महिया ने भी परिजनों की मांग का समर्थन किया। पूर्व मंत्री मेघवाल ने कहा कि सरकार रामस्वरुप कस्वां को शहीद का दर्जा दे और जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को निलंबित किया जाए।
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