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टैक्स चोरी की कोशिश अब महंगी पड़ेगी! जयपुर में दूसरे राज्यों की गाड़ियों पर भारी जुर्माना!

Regional Transport Office: जयपुर में बाहरी राज्यों की गाड़ियों पर अब कड़ी नजर रखी जा रही है। टैक्स बचाने के लिए दूसरे प्रदेशों से वाहन खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर है। रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) जयपुर ने (Regional Transport...
02:52 PM Dec 06, 2024 IST | Rajesh Singhal

Regional Transport Office: जयपुर में बाहरी राज्यों की गाड़ियों पर अब कड़ी नजर रखी जा रही है। टैक्स बचाने के लिए दूसरे प्रदेशों से वाहन खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर है। रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) जयपुर ने (Regional Transport Office)इस मामले में सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है।

जयपुर आरटीओ ने दूसरे राज्यों के नंबरों वाली गाड़ियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शहर में बाहरी वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब इन वाहन मालिकों से जुर्माना वसूला जाएगा। जयपुर परिवहन विभाग ने सर्विस सेंटर्स को निर्देश जारी कर सभी बाहरी गाड़ियों की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। इसके बाद संबंधित वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर उनसे टैक्स और भारी जुर्माने की वसूली की जाएगी। ऐसा नहीं करने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जयपुर में बाहरी गाड़ियों पर सख्ती

आरटीओ जयपुर ने दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट वाली गाड़ियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। ऐसे वाहन मालिकों को अब नोटिस जारी किए जाएंगे, और उन्हें साबित करना होगा कि उनकी गाड़ी लगातार शहर में नहीं चल रही। ऐसा न करने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

क्यों हो रही है कार्रवाई?

राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में वाहनों पर टैक्स दरें 5 प्रतिशत तक हैं, जबकि राजस्थान में यह 12 प्रतिशत तक जाती हैं। टैक्स बचाने के लिए लोग दूसरे राज्यों से गाड़ियां खरीदकर जयपुर में चलाते हैं। आरटीओ के मुताबिक, जयपुर में ऐसी 10,000 से ज्यादा गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं, जो बिना टैक्स चुकाए संचालित हो रही हैं।

एक महीने से ज्यादा चलाने पर टैक्स अनिवार्य

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत, दूसरे राज्य के वाहनों को एक महीने से ज्यादा चलाने पर टैक्स जमा करना अनिवार्य है। जयपुर आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि सभी सर्विस सेंटर्स से डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। यदि वाहन मालिक यह साबित नहीं कर पाते कि उनकी गाड़ी रोजाना शहर में नहीं चल रही, तो उन पर कार्रवाई होगी।

रोजाना की पेनल्टी का प्रावधान

टैक्स जमा नहीं करने पर वाहन मालिकों को प्रतिदिन के आधार पर पेनल्टी देनी होगी। यह पेनल्टी वाहन के प्रकार, भार, मॉडल और उपयोग के आधार पर तय की जाती है। कॉमर्शियल वाहनों के लिए यह राशि प्राइवेट वाहनों की तुलना में अधिक होती है।

डिजिटल माध्यमों से टैक्स भरने की सलाह

आरटीओ ने वाहन मालिकों को चेतावनी दी है कि वे समय पर टैक्स जमा करें और डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें। यह कदम राज्य सरकार के राजस्व को बढ़ाने और शहर में वाहनों के वैध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

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