Rajasthan: गंगा- यमुना बह रहीं...सरस्वती नदी कहां गई ? रेगिस्तान में फूटी जलधारा बताएगी विलुप्त नदी का पता ?
Saraswati River Rajasthan: राजस्थान के रेगिस्तान में अचानक एक जलधारा फूट पड़ी, जलधारा भी इतनी प्रबल कि कुछ ही घंटों में रेत के धोरों के बीच पानी का तालाब बन गया। (Saraswati River Rajasthan) इस घटना से हर कोई हैरान है, तो इस बीच सरस्वती नदी को लेकर भी फिर से चर्चा छिड़ गई है। कहीं यह जलधारा सरस्वती नदी की तो नहीं ? क्या यह जलधारा बरसों से विलुप्त सरस्वती नदी का पता बता पाएगी ?
गंगा, यमुना बह रहीं..सरस्वती नदी कहां गई?
भारत में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। प्राचीन धर्मग्रंथों में भी इन नदियों का उल्लेख मिलता है। इनमें से गंगा और यमुना नदी तो अब भी अविरल बह रही हैं। मगर सरस्वती नदी बरसों पहले विलुप्त हो गई। कहा जाता है कि वर्षों पहले यह नदी भूमिगत हो गई। इसके बाद से इस नदी के बारे में कुछ भी पता नहीं चला। मगर मान्यता है कि अब भी भूमिगत बहने वाली सरस्वती नदी का जल त्रिवेणी संगम के जल में आकर मिलता है।
सरस्वती नदी का कैसे हुआ प्राकट्य ?
प्राचीन काल से ही सरस्वती नदी को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। जिनके अनुसार विद्या-वाणी की देवी मां सरस्वती ही कालांतर में सरस्वती नदी के रुप में प्रकट हुईं। एक कथा के अनुसार दुर्वासा ऋषि वेद ऋचाओं का गायन अभ्यास कर रहे थे, तब उनकी आवाज सुनकर देवी सरस्वती को हंसी आ गई। इसके बाद ऋषि दुर्वासा ने उन्हें श्राप दिया कि जिस वाणी और विद्या का आपको अभिमान है, वह अब धरती पर जल की तरह बिखर जाएगा। इसके बाद मां सरस्वती ने ही नदी का रुप लिया और इस तरह सरस्वती नदी का प्राकट्य हुआ।
भूमिगत क्यों हो गई सरस्वती नदी?
प्राचीन ग्रंथों में गंगा, यमुना के साथ सरस्वती नदी का उल्लेख मिलता है। बद्रीनाथ के पास इसका उद्गम स्थल भी बताया जाता है, मगर आगे यह नदी कहीं भी नहीं दिखती। मान्यता है कि यह नदी प्राचीन काल में ही भूमिगत बहने लगी। नदी के भूमिगत हो जाने को लेकर भी कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के मुताबिक गणेशजी महाभारत लिख रहे थे, तब नदी के वेग की आवाज से उन्हें परेशानी हो रही थी। गणेशजी ने सरस्वती नदी से वेग को धीमा करने का आग्रह किया। मगर जब ऐसा नहीं हुआ तो गणेशजी ने सरस्वती नदी को भूमिगत होने का श्राप दे दिया। तभी से सरस्वती नदी भूमिगत हो गई।
रेत के नीचे सरस्वती नदी या गैस भंडार?
राजस्थान में रेतीले धोरों वाले जैसलमेर में जलधारा फूटने के बाद भले ही सरस्वती नदी पर बहस शुरु हो गई है। मगर वैज्ञानिक इस बात को खारिज कर रहे हैं। प्रारंभिक तौर पर यहां गैस की वजह से जलधारा फूटने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल भूवैज्ञानिकों ने यहां का मुआयना किया है, जांच चल रही है। इस जांच की रिपोर्ट आने पर ही इस बात का खुलासा हो पाएगा कि रेतीले धोरों के नीचे जलधारा कैसे निकली?
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