Sikar News: रैवासा पीठ के पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज का हृदय गति रुकने से हुआ निधन, सीएम भजनलाल ने जताया शोक
Sikar News: अशोक शर्मा। सीकर जिले के रैवास स्थित पीठ के पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज का आज सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया। जानकारी के अनुसार उन्हें आज सुबह बाथरूम में दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें तुरंत सीकर के अस्पताल लाया गया। यहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रैवासा पीठ के पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज की मृत्यु का समाचार मिलते ही पूरे जिले सहित प्रदेश भर में शोक की लहर दौड़ गई।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया शोक
रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज की मृत्यु के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी अशोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। संत राघवाचार्य महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के बीरखेड़ा गांव में 8 सितंबर 1952 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्री राम संस्कृत महाविद्यालय जानकीपुरम चित्रकूट से प्राप्त की, उसके बाद उन्होंने 1970 से 1981 तक वाराणसी में वेदांत विषय का अध्ययन किया। 1983 में जगतगुरु श्री शालिग्राम जी महाराज अग्र पीठाधीश्वर रेवासा धाम ने विरक्त दीक्षा ग्रहण की और इसके बाद 25 फरवरी 1984 से रैवासा पीठ के पीठाधीश्वर के पद को सुशोभित किया ।
राम मंदिर आंदोलन में भी रहा था अतुलनीय योगदान
राघवाचार्य महाराज का अपने जीवन में राम मंदिर आंदोलन में भी अतुलनीय योगदान रहा था और अयोध्या में आयोजित कर सेवा में उन्होंने कर सेवकों के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया था।
कौन थे रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज?
यूपी के हमीरपुर में जन्में राघवाचार्य जी राजस्थान संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष और वेदांत में स्वर्ण पदक विजेता थे। उन्होंने रैवास वेद विद्यालय की भी स्थापना की और इसके पूर्व छात्र कई प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। महंत ने अखिल भारतीय संस्कृत प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीता था। महंत राघवाचार्य 1570 में निर्मित सीकर के सबसे पुराने मंदिर भगवान श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी थे।
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