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रामगढ़ का नया राजा: सरिस्का का बाघ अब रामगढ़ विषधारी को करेगा आबाद...झाबुआ के जंगलों से लाया गया

Ramgarh Visdhari Tiger Reserve: (रियाजुल हुसैन और प्रेम पाठक) | बून्दी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ के रूप में नया राजा मिल गया है। सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर निकले टाइगर 2303 को रविवार शाम हरियाणा...
10:23 AM Nov 11, 2024 IST | Rajasthan First
Ramgarh Visdhari Tiger Reserve: (रियाजुल हुसैन और प्रेम पाठक) | बून्दी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ के रूप में नया राजा मिल गया है। सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर निकले टाइगर 2303 को रविवार शाम हरियाणा...

Ramgarh Visdhari Tiger Reserve: (रियाजुल हुसैन और प्रेम पाठक) | बून्दी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ के रूप में नया राजा मिल गया है। सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर निकले टाइगर 2303 को रविवार शाम हरियाणा के झाबुआ के जंगलों से ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है और उसे रामगढ़ में शिफ्ट करने के लिए टीमें रवाना हो गई थी।सोमवार अल सुबह 5.30 पर बाघ को रामगढ़ टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया गया है। रामगढ टाइगर रिजर्व के डीसीएफ संजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की है।

रामगढ़ में दो नर, एक मादा व दो मादा बघिनि

यह नर बाघ करीब तीन साल का युवा एवं काफी ह्रष्टपुष्ट बाघ है ।उम्मीद है कि आने वाले समय में रामगढ़ में यह बाघ कुनबा बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। पूर्व में रणथंभौर से खुद चलकर आया बाघ आरवीटी 1 मौजूद है। अब हरियाणा के झाबुआ से एक और बाघ आने से टाइगर रिजर्व में दो नर, एक मादा व दो मादा बघिनि हो गई है। शीघ्र ही मादा बाघिन भी शिफ्ट होने की संभावना है। शुरू में बाघ को शॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाएगा।

एक साल से टेरिटरी के लिए भटक रहा था बाघ

आपको बता दे कि सरिस्का टाइगर रिजर्व का बाघ टी 2303 एक साल से टेरिटरी की तलाश में भटक रहा था। यह बाघ दो बार सरिस्का से बाहर निकल चुका था और वन विभाग के लिए इसकी मोनिटरिंग चुनोती बनी हुई थी। कई बार इसे ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली।रविवार रात इसे ट्रेंकुलाइज किया गया है और रामगढ के लिए रवाना किया गया। इससे पहले रामगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम डीसीएफ संजीव शर्मा की अगुवाई में टाइगर को लेने पहुँच गई थी।

लोकसभा अध्यक्ष ने दिए थे टाइगर के संकेत

इससे पूर्व गत दिनों बून्दी आये लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और ओएसडी राजीव दत्ता ने बून्दी रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ बाघिन को लाने के संकेत दे दिए थे। लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने बताया था कि एनटीसीए से बाघ बाघिन को लेकर स्वीकृति मिल चुकी है। किसी भी समय बाघो को यहा शिफ्ट किया जा सकता है। आज बाघ के यहा आने के बाद अब जल्द ही बाघिन के भी बून्दी लाने की तैयारी शुरू हो गई है।

बाघिन का कंकाल मिलने से बून्दी वासियों में छा गईं थी मायूसी

पिछले दिनों रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन आर वी टीआर-2 का कंकाल मिला था। साथ ही उसके दो शावक भी लापता बताए जा रहे थे। हालांकि कुछ दिनों बाद शवको के कैमरों में फ़ोटो आने से रामगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने राहत की सांस ली थी। यह अलग बात है कि अब तक भी बाघिन की मौत से पर्दा नही उठ पाया है।

RVT-4 के नाम से मिली पहचान

रामगढ़ टाइगर रिजर्व के डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया कि टाइगर 2303 के रामगढ़ टाइगर रिजर्व में आने के बाद अब इसे RVTR-4 के नाम से पहचाना जायेगा। अब तक इसे टाइगर 2303 के नाम पहचाना जा रहा था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रिजर्व में चीतल छोड़े जा रहे है। जंगल मे जानवरों की सुरक्षा को लेकर टीमें लगी हुईं है।

रामगढ़ के लिए खुशी का पल

रामगढ़ टाइगर रिजर्व के डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया कि आज अल सुबह टाइगर को सकुशल रिजर्व में छोड़ दिया है। उससे पहले चिकित्सको की टीम ने टाइगर का स्वस्थय परिक्षण किया। टाइगर को बजारिया एनक्लोजर में छोड़ा गया है। कुछ दी यहा रखने के बाद इसे रामगढ़ अभयारण्य में छोड़ा जायेगा। डीसीएफ शर्मा ने बताया कि टाइगर की मॉनिटरिंग के लिए अलग से टीमें लगी हुई है। जो इसकी तमाम गतिविधियों पर नजर रखेगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही रामगढ़ बाघों की दहाड़ से गुलजार होगा। यह काफी खुशी का पल है।

वहीं सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह कटिहार ने बताया कि बफर रेंज से करीब तीन माह पहले निकाला बाघ एसटी 2303 को नचा की गाइडलाइन के अनुसार ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है, इसके लिए पहले ही अनुमति ली जा चुकी है। गौरतलब है कि बाघ एसटी 2303 साल की शुरुआत में भी हरियाणा की तरफ कूच कर गया था, लेकिन कुछ समय बाद यह वापस बफर रेंज के जंगलों में आ गया था.

बफर रेंज में बचे 6 बाघ

सरिस्का टाइगर फाउंडेशन के डायरेक्टर दिनेश दुर्रानी ने कहा कि अभी सरिस्का टाइगर रिजर्व को बाघों की आवश्यकता है। इस बैग को ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का की काली घाटी वन क्षेत्र में छोड़ जाना चाहिए था, यह जगह अभी बाघों से वीरान है। यह बाघ सरिस्का की अलवर बफर रेंज का युवा बाघ था, जिसके उम्र करीब ढाई साल है। इस बाघ को ट्रेंकुलाइज कर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भेजने के बाद अब बफर रेंज में बाघों की संख्या 6 रह गई है।

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