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Tithari laid eggs in CHC : सीएचसी में टिटहरी की डिलीवरी, कभी पेड़ पर ना बैठने वाला यह पंछी देता है मौसम का संकेत !

Tithari laid eggs in CHC : करौली। राजस्थान के करौली जिले में डांग क्षेत्र करणपुर के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में टिटहरी की डिलीवरी का मामला सामने आया है। इस दौरान सीएचसी के स्टाफ ने भी पक्षी प्रेम का...
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Tithari laid eggs in CHC : करौली। राजस्थान के करौली जिले में डांग क्षेत्र करणपुर के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में टिटहरी की डिलीवरी का मामला सामने आया है। इस दौरान सीएचसी के स्टाफ ने भी पक्षी प्रेम का अनूठा उदाहरण पेश किया। सीएचसी का नर्सिंग स्टाफ टिटहरी के अंडों की हिफाजत कर रहा है, तो सीएचसी के गार्डन में लोगों का प्रवेश भी वर्जित कर दिया गया है।

सीएचसी के लॉन में टिटहरी की डिलीवरी

जलवायु में पक्षियों का बड़ा योगदान होता है, इसके बावजूद कई पक्षी ऐसे हैं जिनकी प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर पहुंच गई हैं। टिटहरी की संख्या भी दिनों दिन घटती जा रही है। इस बीच राजस्थान के करौली जिले में टिटहरी संरक्षण का अनूठा उदाहरण देखने को मिला। यहां टिटहरी ने करणपुर की सीएचसी के उद्यान में अंडे दिए थे। (karauli News)

नर्सिंग स्टाफ ने की टिटहरी की देखभाल

करणपुर के स्थानीय निवासी रमेश दीक्षित बताते हैं जब सीएचसी के नर्सिंग स्टाफ को इस बात का पता लगा, तो उन्होंने इस उद्यान में लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया, जिससे टिटहरी असहज महसूस ना करे और उसके अंडों को कोई नुकसान ना पहुंचे। अब टिटहरी के इन अंडों से चूजे निकले हैं, जिससे सीएचसी स्टाफ काफी खुश नजर आ रहा है।

यह एकमात्र पक्षी जो पेड़ पर नहीं बैठता

टिटहरी एकमात्र ऐसा पक्षी है जो कभी पेड़ पर नहीं बैठता। इसके अलावा यह अंडे भी जमीन पर ही देता है। प्रजनन से पहले नर टिटहरी का मादा पक्षी को रिझाने का तरीका भी बेहद खास होता है। नर पक्षी अपनी घुमावदार उड़ान से मादा पक्षी को आकर्षित करता है। तो प्रजनन के बाद अंडे देने के लिए भी टिटहरी पेड़ पर घोंसला नहीं बनाती। बल्कि जमीन पर ही थोड़ी जगह को खोदकर उसमें अंडे देती है।

अंडों से चूजे निकलने तक करती है सुरक्षा

टिटहरी को आमतौर पर शांत मिजाज का पक्षी माना जाता है। हालांकि अंडों की सुरक्षा को लेकर यह काफी आक्रामक भी हो जाती है। टिटहरी अपने अंडों के आसपास दूसरे पक्षी या मानवीय दखल होने पर जोर से शोर मचाती है, घोंसले के चारों तरफ चक्कर लगाती है। वहीं खतरा बढ़ने पर झपटने की कोशिश भी करती है।

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मौसम का भी संकेत देती है टिटहरी !

टिटहरी के मौसम के संकेत देने को लेकर कोई वैज्ञानिक मान्यता तो नहीं है। मगर राजस्थान के कई गांवों में टिटहरी के अंडों से बारिश का पूर्वानुमान लगाया जाता रहा है। इन गांवों में कहा जाता है कि अगर टिटहरी ऊंची जगह अंडे देती है तो अच्छी बारिश होती है। जबकि जमीन पर टिटहरी का अंडा देना औसत बारिश का संकेत माना जाता है।

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