Tonk News: सोहेला गोलीकांड में 19 साल बाद पीड़ित को राहत, सरकार ने मृतिका के बेटे को दी LDC की नौकरी
Tonk News: कमलेश कुमार महावर। टोंक जिले के बहुचर्चित सोहेला गोली कांड की मृतका हंसादेवी गुर्जर के आश्रित बेटे देवराज को कलेक्टर कार्यालय टोंक (Tonk News) में अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। बीसलपुर बांध के पानी की मांग को लेकर हुए किसान आंदोलन के बाद किसानों पर हुई कार्यवाही (सोहला गोलीकांड) में हंसादेवी सहित 5 किसानों की मौत हो गई थी। 2005 में हुए इस आंदोलन के बाद तत्कालीन सीएम वसंधुरा राजे ने मृतकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। अब 19 साल बाद राजे के भाजपा के ही वर्तमान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने पूरा किया है।
क्या है पूरा मामला?
बीसलपुर का ओवरफ्लो पानी टोरडीसागर में डालने की मांग को लेकर 13 जून 2005 में हुए किसान आंदोलन और उसे दबाने के लिए गोलीकांड की याद आज एक बार भी ताजा हो गई। मामला गोलीकांड में मारे गए आश्रितों से लेकर जुड़ा है। दरअसल, सोहेला में हाईवे जाम के दौरान हुए गोलीकांड में सोहेला की ही रहने वाली गर्भवती महिला हंसादेवी समेत आंदोलन में शामिल पांच किसानों की मौत हो गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की घोषणा के बावजूद उस हंसादेवी के आश्रितों को उस वक्त नौकरी नहीं मिली, क्योंकि मृतका हंसा गुर्जर का बेटा डेढ़ साल का था और साथ ही 2009 में महिला के पति रामस्वरुप गुर्जर की भी मौत हो गई। अब 19 साल बाद सरकार ने मृतका के बेटे देवराज गुर्जर को टोंक कलेक्ट्रेट में कनिष्ठ लिपिक (एलडीसी) पद पर नियुक्ती दी है।
नौकरी मिलने पर खुश दिखे देवराज
सोहेला गोलीकांड की मां की मौत के बदले जिला कलेक्ट्रेट में अनुकंपा नौकरी पाने वाले देवराज खूश है और 19 साल के बाद नौकरी मिलने पर सरकार व प्रशासन को आभार भी व्यक्त किया है। दूसरी ओर कलेक्टर डॉ. सौम्या झा ने बताया कि हंसा देवी की मौत के बाद उनके पति नौकरी के लिए योग्य नहीं थे, उस घटना को 18 साल पूरे होने पर कमेटी बनाकर सरकार ने उनके बेटे देवराज को अनुकंपा नियुक्ति दी है।
अनुकंपा नियुक्ति में आईं यह अड़चनें
मृतका हंसादेवी के पति रामस्वरूप ने आवेदन भी नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन रामस्वरूप के खिलाफ पुलिस केस पेंडिंग होने के कारण उनके अनुकम्पात्मक नियुक्ति के आवेदन-पत्र को निरस्त कर दिया। इसके बाद मृतका हंसादेवी के भाई सीताराम गुर्जर ने अनुकम्पात्मक नियुक्ति दिए जाने के लिए आवेदन किया, लेकिन नियमों में भाई को नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं होने के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं दी। करीब 17 साल बाद टोंक कलेक्टर कार्यालय में हंसादेवी के बेटे देवराज ने 25 अगस्त 2022 को आवेदन कर इस कोटे में अनुकंपा नियुक्ति की मांग की। लेकिन आवेदन 17 साल देर से मिलने के कारण टोंक कलेक्टर ने मामले में शिथिलता के लिए गृह विभाग को भेज दिया। क्रम में गृह विभाग ने यह मामला कार्मिक विभाग को रैफर कर दिया, तब प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी। अब बीजेपी की ही सरकार में यह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की घोषणा पूरी हुई।
पिता की मौत के बाद दादी के पास रहे देवराज
सोहेला गोलीकांड में मां को गंवाने के दौरान देवराज महज डेढ साल के थे। वहीं इसके बाद 2009 में उनके पिता की भी मृत्यु हो गई थी। माता-पिता दोनों नहीं होने पर वह टोंक में ही बमोर रोड़ स्थित संतोष नगर में अपनी दादी के पास ही रह रहे थे। अब अनुकंपा नौकरी मिलने से परिवार के आर्थिक हालात में सुधार हो पाएगा।
इसलिए हुआ था गोलीकांड
बीसलपुर बांध से ओवरफ्लो पानी टोरडीसागर में डाल करके मालपुरा, पीपलू तहसील क्षेत्र को सिंचाई का पानी दिए जाने कि मांग को लेकर किसान आंदोलन हुआ था। उस समय 13 जून 2005 को किसानों ने सोहेला में नेशनल-हाईवे उस समय एनएच-12 जयपुर-कोटा को जाम किया था। किसानों को रोकने के दौरान हुए बलप्रयोग में पुलिस को गोलिया चलानी पड़ी और पुलिस गोलीकांड में हंसादेवी गुर्जर की गोली लगने से मौत हो गई थी। हंसादेवी उस समय गर्भवति भी थी। उनके अलावा 3 अन्य किसानों की भी मौत हुई थी। गर्भवति होने के कारण हंसादेवी के गर्भ में पल रहे बच्चों को मृतकों में शामिल किया गया था।
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