जानलेवा कोचिंग संस्थानों की मनमानी और कितने हादसे? आखिर क्यों बेजान पड़ा है जयपुर में बना भव्य कोचिंग हब?
Utkarsh Coaching Jaipur: राजधानी जयपुर के बीचोंबीच एक कोचिंग सेंटर में बीते रविवार देर शाम एक बड़ा हादसा होते-होते रह गया. जयपुर के गोपालपुरा इलाके में उत्कर्ष कोचिंग में दूसरी मंजिल पर चल रही क्लास के बीच अचानक कुछ बदबू आने से 20 से अधिक छात्र-छात्राएं बेहोश हो गए. घटना के पास अफरातफरी मच गई और कोचिंग प्रबंधन की ओर से 108 एंबुलेंस को बुलाया गया जिसके बाद बेहोश छात्र-छात्राओं को कंधे पर उठाकर बाहर निकालकरएंबुलेंस की मदद से एक निजी अस्पताल पहुंचाया गया.
घटना को लेकर शुरूआती तौर पर बताया गया कि हादसा सीवरेज लाइन से उठी बदबू के कारण हुआ जिसके बाद क्लास में बैठे स्टूडेंट बेहोश होने लगे. इस घटना के बाद बेहोश हुए छात्रों के मामले की जांच के लिए नगर निगम ग्रेटर ने एक कमेटी बनाई है हालांकि हादसे की असल वजह अभी तक सामने नहीं आई है. इधर घटना के बाद कांग्रेसी नेता और छात्रनेताओं ने कोचिंग प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और सचिन पायलट, टीकाराम जूली से लेकर हनुमान बेनीवाल ने हादसे में जांच की मांग की है.
कल रात जयपुर में एक कोचिंग संस्थान में हुई दुर्घटना चिंताजनक है। इस दुर्घटना में घायल हुए विद्यार्थियों के जल्द स्वास्थ्यलाभ की कामना करता हूं।
कोचिंग संस्थानों में ऐसी दुर्घटनाएं कभी भी बड़ा रूप ले सकती हैं क्योंकि यहां क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है जो उचित…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 16, 2024
वहीं पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कोचिंग संस्थानों को प्रताप नगर के कोचिंग हब में शिफ्ट किए जाने की मांग उठाई है. मालूम हो कि पिछली गहलोत सरकार में जयपुर के प्रताप नगर इलाके में एक भव्य कोचिंग हब तैयार किया गया था जहां सारे कोचिंग संस्थानों को शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों से वहां शिफ्ट करने की व्यवस्था की गई थी लेकिन साल भर बाद भी वहां वर्तमान में 4-5 कोचिंग संस्थान ही संचालित हो रहे हैं.
पहले जानिए हुए क्या?
बीते रविवार देर शाम हुई घटना को लेकर एसीपी सोडाला योगेश चौधरी ने जानकारी दी कि कोचिंग छात्रों की हालत बिगड़ने के बाद 5 छात्राओं को एसएमएस हॉस्पिटल ले जाया गया था जहां इलाज के बाद रात में छुट्टी दी गई. वहीं दो छात्रों का इलाज अभी एक निजी हॉस्पिटल में चल रहा है. घटना के बाद मौके पर मौजूद छात्रनेताओं ने आरोप लगाया कि कोचिंग संस्थान जेडीए-नगर निगम के नियमानुसार नहीं चल रहे हैं जिन्हें सील किया जाना चाहिए और सभी कोचिंग संस्थानों की जांच की जानी चाहिए.
इधर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि कल रात जयपुर में एक कोचिंग संस्थान में हुई दुर्घटना चिंताजनक है, इस दुर्घटना में घायल हुए विद्यार्थियों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय कोचिंग संस्थानों के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जारी की गई थी और प्रतापनगर में कोचिंग हब बनाया गया था ऐसे में यह वर्तमान राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि कोचिंग संस्थानों के उचित प्रबंधन के लिए बनाई गाइडलाइंस को लागू करें एवं अविलंब सुनिश्चित करें कि सारे कोचिंग संस्थान पिछली सरकार द्वारा बनाए गए कोचिंग हब में शिफ्ट किए जाएं.
प्रताप नगर में बना है भव्य कोचिंग हब
दरअसल पिछली गहलोत सरकार ने 2023 में कोचिंग संस्थानों को एक जगह व्यवस्थित करने के लिए जयपुर के प्रताप नगर इलाके में एक भव्य कोचिंग हब बनाया गया था जहां राजस्थान हाउसिंह बोर्ड की ओर से कोचिंग संस्थानों को स्पेस लेने के लिए आमंत्रित किया गया. यह कोचिंग हब 67,000 वर्ग मीटर में फैला है. यहां 224 कोचिंग संस्थान और कम से कम 70,000 छात्रों के बैठने की व्यवस्था है लेकिन एक साल से अधिक समय बाद भी कोचिंग हब की बिल्डिंग पूरी खाली पड़ी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोचिंग हब के पहले फेज में 140 कोचिंंग सेंटर एवं दूसरे फेज में 84 परिसर बनाए गए थे लेकिन वर्तमान में वहां सिर्फ 2 कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं और 7 कोचिंग सेंटर ने कब्जा ले लिया है. वहीं इसके अलावा 28 कोचिंग संचालकों ने जमा करवाई राशि भी रिफंड ली है. जानकारों का कहना है कि कोचिंग संस्थान अपने पुराने कंजस्टेड सेटअप और एरिया नहीं छोड़ना चाहते हैं और वहीं कई संस्थानों की हाउसिंग बोर्ड की कीमतों को लेकर आपत्तियां है.
बता दें कि कोचिंग हब में वॉकिंग ट्रैक, साइक्लिंग ट्रैक, ओपन एयर जिम, इंडोर जिम, हैल्थ चैकअप सेंटर, बॉस्केटबॉल कोर्ट, टेनिस कोर्ट जैसी कई सुविधाएं बनाई गई है. वहीं यहां लाइब्रेरी एवं 1200 की क्षमता वाला एक ऑडिटोरियम भी बनाया गया है. इसके अलावा 4 कैफेटेरिया, एक फूड कोर्ट भी छात्रों के लिए हैं. वर्तमान में जयपुर शहर में गोपालपुरा, वैशाली नगर, विद्याधर नगर, मालवीय नगर और मानसरोवर जैसे कई इलाकों में काफी निजी कोचिंग संस्थान चल रहे हैं जहां इनके भवनों में नियमों की पालना नहीं होने की बात सामने आती रहती है.
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