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108 एंबुलेंस की लापरवाही से महिला की मौत, बेटे का आरोप...गेट नहीं खोला, ऑक्सीजन नहीं था!

शहर के जवाहरनगर में रविवार सुबह एक दिल दहलाने वाली घटना घटी, जब डिप्रेशन का शिकार एक महिला ने फांसी लगा ली।
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Bhilwara Crime News: शहर के जवाहरनगर में रविवार सुबह एक दिल दहलाने वाली घटना घटी, जब डिप्रेशन का शिकार एक महिला ने फांसी लगा ली। महिला को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन महिला के बेटे ने एंबुलेंस सेवा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन तक नहीं थी और अस्पताल पहुंचने के बाद भी एंबुलेंस का गेट 15 मिनट तक नहीं खोला गया, जिसकी वजह से उनकी मां की जान जा सकती थी। (Bhilwara Crime News)वहीं, एंबुलेंस पायलट ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए महिला के साथ आए लड़कों पर मारपीट और तोड़फोड़ का आरोप लगाया है। अब महिला के बेटे ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।"

घटना का प्रारंभ...

रविवार को पटना जिले के गौरव पुत्र प्रशांत कुमार राम ने बताया कि वह अपने रेस्ट के दिन सो रहा था, जबकि उसकी मां सुलेखा ने उसके पिता के लिए खाना बनाया। इस बीच, गौरव का मोबाइल बजा, जिससे उसकी नींद खुली। सामान्यतः उसकी मां मोबाइल उठा लेती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। जब गौरव कमरे से बाहर आया, तो उसने देखा कि उसकी मां ड्रम पर चढ़कर रस्सी से पंखे से लटकी हुई थी। उसने तुरंत रस्सी काटकर मां को नीचे उतारा, लेकिन उसकी सांसें चल रही थीं। गौरव ने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया।

एंबुलेंस सेवा पर आरोप

गौरव का आरोप है कि एंबुलेंस का पायलट उसके घर तक पहुंचने का रास्ता भी नहीं जानता था। इससे एंबुलेंस देर से पहुंची और फिर भी अस्पताल जाते समय उसमें ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी। जब वे जिला अस्पताल पहुंचे, तो एंबुलेंस का गेट 15 मिनट तक नहीं खोला गया, जिसके कारण गौरव ने गेट का शीशा तोड़ा और किसी तरह अपनी मां को बाहर निकाला। डॉक्टर्स ने कहा कि यदि मां को कुछ मिनट पहले लाया जाता, तो उसे बचाया जा सकता था।

एंबुलेंस स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग

गौरव ने एंबुलेंस स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अगर अब भी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह घटना कल किसी और के साथ भी हो सकती है। उसने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आह्वान किया है।

पायलट का बचाव

एंबुलेंस के पायलट लवेश मीणा ने आरोपों का खंडन करते हुए बताया कि महिला के साथ चार-पांच युवक भी एंबुलेंस में सवार थे। इन युवकों ने पायलट पर तेज चलाने का दबाव बनाया और बाद में ऑक्सीजन की कमी का आरोप लगाया, हालांकि, पायलट के अनुसार एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था थी और महिला को ऑक्सीजन दी जा रही थी। पायलट का आरोप था कि इन युवकों ने एंबुलेंस के शीशे और अन्य उपकरण तोड़े और पायलट तथा मेडिकल टीम के साथ मारपीट की।

सीएमएचओ का बयान

महात्मा गांधी चिकित्सालय के सीएमएचओ डॉ. सीपी गोस्वामी ने इस मामले में कहा कि एंबुलेंस सेवा सरकारी कंपनी द्वारा संचालित की जाती है और सभी सुविधाएं व्यवस्थित हैं। उन्होंने पुष्टि की कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था थी और पायलट तथा मेडिकल टीम प्रशिक्षित हैं। गेट के जाम होने की समस्या भी भीड़-भाड़ की वजह से हुई। डॉ. गोस्वामी ने घटना को दुखद बताते हुए आमजन से धैर्य बनाए रखने की अपील की।

(भीलवाड़ा से प्रेम कुमार गढ़वाल की रिपोर्ट)

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