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SOG की सख्त कार्रवाई! बूंदी में फर्जी दस्तावेज़ से नौकरी पाने वाले दो शिक्षक बर्खास्त, जानिए कैसे पकड़े गए!

विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में यह खुलासा हुआ कि वर्ष 2022 में इन शिक्षकों ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया।
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Bundi Crime News: राजस्थान के बूंदी जिले में हुई शिक्षक भर्ती में फर्जी दस्तावेज़ से नौकरी पाने वाले दो शिक्षकों का मामला अब तूल पकड़ चुका है। विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में यह खुलासा हुआ कि वर्ष 2022 में इन शिक्षकों ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया। जैसे ही इस मामले की जानकारी शिक्षा विभाग के निदेशक को दी गई, विभाग में हड़कंप मच गया और तुरंत दोनों शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। (Bundi Crime News)हालांकि, यह सवाल उठता है कि जब इन शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच भर्ती के समय की गई थी, तो इतने बड़े घोटाले का खुलासा तीन साल बाद क्यों हुआ? अब विभाग में इस लापरवाही को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

फर्जी दस्तावेज पाए जाने के बाद हुई कार्रवाई

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी नौकरी कर रहे जिले के दो शारीरिक शिक्षकों नियुक्ति निरस्त कर दी है। जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार व्यास ने बताया कि जावंटी कला ग्राम पंचायत के जावंटी खुर्द स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत निर्मला गुर्जर व इंद्रगढ़ क्षेत्र के गुढ़ा ग्राम पंचायत के हिम्मतपुरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत भूपेंद्र वर्मा की डिग्री जांच में संदिग्ध पाए जाने पर मामला एसओजी के पास पहुंचा। जहां से जांच रिपोर्ट आने के बाद माध्यामिक शिक्षा निदेशक केनिर्देश पर दोनों शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर दी।

प्रोबेशन काल पूरा करने से पहले हुई कार्यवाही

शिक्षा अधिकारी राजेंद्र व्यास ने बताया कि वर्ष 2022 में आयोजित शिक्षक भर्ती में दोनों का शिक्षक के रूप में चयन हुआ था। बूंदी से बड़ी संख्या में शिक्षकों की चयन होने पर विभाग में काउंसलिंग की गई थी। काउंसलिंग करने के बाद उनके दस्तावेजों को जांचा गया था। उन्होंने कहा कि हमारा काम केवल दस्तावेजों को जांच करने के बाद निदेशालय बीकानेर भिजवाने का होता है। नियुक्ति की सारी प्रक्रिया बीकानेर शिक्षा विभाग से की जाती है। शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों शिक्षकों का प्रोबेशन काल पूरा होने वाला था इसके पहले ही विभाग ने यह कार्रवाई की है। जांच में डिग्री संदिग्ध पाए जाने पर मामला एसओजी के पास पहुंचा था। ओर SOG ने शिक्षा निदेशक से मामले की रिपोर्ट मांगी थी।

विभाग में मचा हड़कंप, इतनी चूक कैसे हुई

सूत्रों की माने तो प्रथम दृष्टया दोनों ही शिक्षकों ने फैजाबाद की एक यूनिवर्सिटी के दस्तावेजों को अपनी नियुक्ति पत्र में लगाया था जिसको संदिग्ध मानते हुए जांच की गई। जांच में दस्तावेज पूरी तरह से फर्जी पाए गए। वही सवाल यह खड़ा होता है कि बूंदी में वर्ष 2022 के दौरान सीधी भर्ती में ज्वाइनिंग लेने आए दोनों शिक्षकों के दस्तावेजों को बिना जांचे ही जॉइनिंग दे दी गई जिसके चलते शिक्षा विभाग के अधिकारी भी सवालिया निशान पर आ गए हैं। एसओजी यदि समय पर दोनों शिक्षकों के दस्तावेजों जांच नहीं करती तो शायद दोनों शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के साथ शिक्षक बनकर अपनी सेवाएं देते रहते। लेकिन एसओजी की इस कार्रवाई ने बूंदी शिक्षा विभाग के हाथ पैर फूला दिए हैं।

( बूंदी से रियाजुल हुसैन की रिपोर्ट)

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