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Chhath Puja 2024 Kharna: छठ पूजा के दूसरे दिन आज है खरना, जानिये शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

इस दिन छठ व्रती छठी मैया और सूर्य देव के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित करते हुए, सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना पानी पिए कठोर उपवास रखते हैं। सूर्यास्त को छठी मैया की पूजा के बाद खरना अनुष्ठान शुरू होता है।
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Chhath Puja 2024 Kharna: आज छठ पूजा का दूसरा दिन है। इस दिन को खरना के रूप में मनाया जाता है। छठ पूजा का दूसरा दिन खरना, सूर्य देव और छठी मैया की पूजा (Chhath Puja 2024 Kharna) के लिए समर्पित चार दिवसीय त्योहार में बहुत महत्व रखता है। मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में मनाया जाने वाला खरना उपवास, पवित्रता और विशेष प्रार्थनाओं के साथ मनाया जाता है।

खरना शुभ मुहूर्त

लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना पूजा (Chhath Puja 2024 Kharna) का शुभ मुहूर्त शाम 5:29 मिनट से 7.48 मिनट तक रहेगा। वहीं कल यानि 7 नवंबर को छठ के तीसरे दिन शाम को अर्घ्य का मुहूर्त शाम 5.29 बजे तक रहेगा। छठ के आखिरी दिन 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन अर्घ्य मुहूर्त सुबह 6.32 मिनट रहेगा।

Chhath Puja 2024 Kharnaक्या होता है खरना के दिन?

इस दिन छठ व्रती छठी मैया और सूर्य देव के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित करते हुए, सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना पानी पिए कठोर उपवास रखते हैं। सूर्यास्त को छठी मैया की पूजा के के बाद खरना अनुष्ठान शुरू होता है। इस दिन घरों में आमतौर पर गुड़, चावल और दूध से बनी खीर, जिसे आम बोलचाल की भाषा में रसियाव कहते हैं, और रोटी का प्रसाद बनता है। रात में इसी प्रसाद को खाकर व्रत तोडा जाता है। इसके बाद छठ व्रती अगले 36 घंटे निर्जला उपवास रखते हैं जिसे 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तोडा जाता है।

Chhath Puja 2024 Kharnaकैसे बनता है प्रसाद?

खरना का प्रसाद सबसे स्वच्छ, सबसे पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके मिट्टी के चूल्हे या लकड़ी की आग पर पकाया जाता है। खरना प्रसाद पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है, और इसे परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के बीच वितरित किया जाता है, जो सामुदायिक साझेदारी का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि भोजन को सूर्य देव और छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिनकी पूजा परिवारों की भलाई, समृद्धि और खुशी के लिए की जाती है।

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