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Dhan Lakshmi Potli: कल दिवाली पर ऐसे बनायें धन लक्ष्मी पोटली, साल भर होगी पैसे की बरसात

इस दिन पूजा में धन लक्ष्मी की पोटली को भी शामिल किया जाता है। माना जाता है की धन लक्ष्मी की पोटली वर्ष भर घर में खुशहाली लाती है। वैसे तो कई लोग धन लक्ष्मी पोटली धनतेरस को ही बनाते हैं लेकिन विद्वानों का मानना है कि इसे दिवाली पर ही बनानी चाहिए और लक्ष्मी पूजा में इसको शामिल किया जाना चाहिए।
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Dhan Lakshmi Potli: गुरुवार 31 अक्टूबर को देश भर में दिवाली की धूम रहेगी। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस त्योहार को लोग देश भर में बहुत ही शानदार तरीके से मनाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों को रंग बिरंगे झालर, फूलों और रंगोली से सजाते हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा (Dhan Lakshmi Potli) का विशेष महत्व होता है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा महत्वपूर्ण होती है क्योंकि लोग इस दिन मां लक्ष्मी से धन और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।

दिवाली में पूजा से पहले मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है। फूल, फल, मिठाइयां और धूप देवताओं के सामने रखे जाते हैं। जल से भरा एक कलश स्थापित किया जाता है और उसके बगल में दिव्य उपस्थिति के प्रतीक के रूप में एक दीया जलाया जाता है। इस दिन पूजा में धन लक्ष्मी की पोटली को भी शामिल किया जाता है। माना जाता है की धन लक्ष्मी की पोटली वर्ष भर घर में खुशहाली लाती है। वैसे तो कई लोग धन लक्ष्मी पोटली (Dhan Lakshmi Potli) धनतेरस को ही बनाते हैं लेकिन विद्वानों का मानना है कि इसे दिवाली पर ही बनानी चाहिए और लक्ष्मी पूजा में इसको शामिल किया जाना चाहिए।

कैसे बनायें धन लक्ष्मी की पोटली?

धन लक्ष्मी पोटली (Dhan Lakshmi Potli) एक पवित्र पोटली होती है जिसे धन और समृद्धि को आकर्षित करने वाला माना जाता है। इसको बनाने के लिए पारंपरिक रूप से लाल या पीले कपड़े की थैली का उपयोग किया जाता है। इस पोटली में अक्सर दैवीय आशीर्वाद का सम्मान करने के लिए भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी के प्रतीकों वाला एक सिक्का रखा जाता है। सिक्के के साथ, कमल के बीज, साबुत धनिया के बीज और साबुत चावल के दाने भी अंदर रखे जाते हैं। माना जाता है कि यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। पीली कौड़ी डालना भी अत्यधिक शुभ माना जाता है, जो प्रचुरता और भाग्य का प्रतीक है।

पोटली (Dhan Lakshmi Potli) तैयार करने के लिए बैग में साबुत मूंग दाल, जौ के बीज, सूखी काली मिर्च और सूखी हल्दी जैसी सामग्री रखें। इनमे से प्रत्येक समृद्धि और सुरक्षा का प्रतिनिधित्व करती है। पोटली में एक गोमती चक्र और देवी लक्ष्मी के पैरों के निशान की एक छोटी मूर्ति या प्रतीक जोड़ने की प्रथा है, जिससे पोटली का महत्व और शक्ति बढ़ जाती है। पोटली बंद करने से पहले, अंतिम स्पर्श के रूप में नाग केसर और एक सुपारी शामिल करें। समृद्धि को आमंत्रित करने के इरादे से इस पोटली को सील करें।

कहां रखी जाती है यह पोटली?

पूजा करने के बाद इस पोटली (Dhan Lakshmi Potli) को तिजोरी अथवा किसी सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि निरंतर पूजा घर में देवी लक्ष्मी की स्थायी उपस्थिति को आमंत्रित करती है, जिससे धन और प्रचुरता का आशीर्वाद मिलता है, खासकर जब दिवाली पर पूजा की जाती है, जो उनकी कृपा का आह्वान करने के लिए समर्पित दिन है। यदि दिवाली पर संभव नहीं है तो शुक्रवार, मां लक्ष्मी से जुड़ा एक और शुभ दिन, इस पोटली को तैयार करने के लिए एक आदर्श दिन है।

अगले वर्ष पोटली को फेंके नहीं

पोटली (Dhan Lakshmi Potli) को कभी भी फेंकना नहीं चाहिए। बल्कि अगले वर्ष दिवाली में नयी पोटली बनाने से पहले पुरनी पोटली को तिजोरी से निकाल कर उसमे इस्तेमाल की गयी सामग्री को किसी गमले में रूप देना चाहिए। पोटली की सामग्री को गमले में लगा सकते हैं या धरती के अंदर डाल सकते हैं, जिससे उसका आशीर्वाद प्रकृति में वापस आ सके। इस तरह धन लक्ष्मी पोटली में रखी गयी सामग्री को पुनर्जीवित किया जाता है, जिससे घर के भीतर एक समृद्ध वातावरण बनाए रखने में मदद मिलती है।

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