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Goreshwar Mahadev Temple: गोरेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन मात्र से होती है सभी मनोकामनाएं पूर्ण, चर्म रोग से भी मिलता है छुटकारा

Goreshwar Mahadev Temple: भारत के कोने-कोने में तमाम ऐसे धार्मिक स्थान मौजूद हैं, जो भक्तों के आस्था के बड़े केंद्र हैं। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के वागड़ क्षेत्र में स्थित है, जिसकी बहुत महिमा है। हम बात कर रहे...
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Image Credit: Social Media

Goreshwar Mahadev Temple: भारत के कोने-कोने में तमाम ऐसे धार्मिक स्थान मौजूद हैं, जो भक्तों के आस्था के बड़े केंद्र हैं। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के वागड़ क्षेत्र में स्थित है, जिसकी बहुत महिमा है। हम बात कर रहे हैं गोरेश्वर महादेव मंदिर (Goreshwar Mahadev Temple, Dungarpur) की। गोरेश्वर महादेव मंदिर को अत्यंत पवित्र और आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है।

डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा तहसील में बड़ा देवड़ा और छोटा देवड़ा गांवों के बीच बागड़ की जीवन रेखा समान पवित्र मोरन नदी बहती है। इसी विशाल नदी के किनारे स्थित गोरेश्वर महादेव मंदिर को बागड़ के ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

श्रावण माह में लगती है यहां भारी भीड़

गोरेश्वर महादेव मंदिर (Goreshwar Mahadev Temple) में वैसे तो साल भर भारी संख्या में भक्त हैं, लेकिन श्रावण माह में श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन करने अवश्य आते हैं। श्रावण के दौरान एक महीने तक मंदिर को अलग-अलग थीम के आधार पर सजाया जाता है।

गोरेश्वर मंदिर में सिर्फ राजस्थान के ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और अन्य शहरों से भी भक्त भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने आते हैं। गांव के एक विद्वान का कहना है, "मंदिर का इतिहास करीब 1000 वर्ष पुराना है। लगभग 11वीं से 12 वीं शताब्दी के बीच गोरेश्वर माहदेव मंदिर (Goreshwar Mahadev Temple) का निर्माण किया गया था। नदी के किनारे स्थित गोरेश्वर मंदिर कुछ वर्षों पहले ही विकसित हुआ है। महादेव मंदिर में श्रावण महीने के दौरान पूरे दिन पूजा-अर्चना चलती रहती है। हर सोमवार को महा आरती होती है, जिसमें सागवाड़ा क्षेत्र के निवासी एकत्रित होकर श्रद्धा भक्ति से आरती करते हैं। महादेव मंदिर का प्रबंधन देवड़ा गांव की समिति करती है। जन सहयोग से मंदिर का विकास हुआ है।"

मूल शिवलिंग है नदी के अंदर

इस मंदिर को लेकर स्थानीय व्यक्ति का कहना है, ''ऐसा कहा जाता है कि मूल शिवलिंग नदी में है। यह मंदिर अति प्राचीन है और यहां बाद में विकास हुआ है। देवड़ा बड़ा गांव के ही पुजारी इस मंदिर में पूजा करते हैं। यह मंदिर वर्ष भर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना रहता है। मंदिर यहां के लोगों के लिए अति पवित्र स्थल है। मंदिर की देखभाल एक रजिस्टर्ड कमेटी करती है। कमेटी में कुल चार पद-अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष-हैं। इसमें 11 सदस्य और 60 आम सभा के सदस्य हैं। इस मंदिर में आए दिन विकास का काम चलता ही रहता है।''

मान्यता है कि मंदिर के अलावा मोरन नदी के पानी में भी एक पवित्र शिवलिंग (Goreshwar Mahadev Temple) स्थापित किया गया है। शिवलिंग का रंग सफेद है, जो वर्ष के 6 महीनों तक पानी में डूबा रहता है। जब नदी का पानी कम होता है तब भक्त जन पानी में उतर कर महादेव की पूजा अर्चना करते हैं।

बागड़ क्षेत्र के ही रहने वाले हितेश श्रीमाली कहते हैं, ''गोरेश्वर महादेव मंदिर में प्रति वर्ष कई प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। श्रावण मास में प्रतिदिन यहां के 60 गांव के लोग आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा हर सोमवार को यहां लोग दर्शन करने आते हैं। कई लोग संतान की मन्नत मांगते हैं तो कई लोग राज योग के लिए मन्नत मांगते हैं। भोलेनाथ, मंदिर में आए सभी श्रद्धालुओं की मन्नत पूर्ण करते हैं। भक्त यहां पर गुड़, केसर और श्रीफल अर्पित करते हैं। यहां पर बच्चों के मुंडन के अलावा काल सर्प निवारण पूजा भी होती है। नदी के अंदर जो शिवलिंग है, उसे बहुत ही चमत्कारी माना जाता है।''

नदी के पानी में स्नान से होती है चर्म रोग की समस्या ठीक

भक्तों के बीच मान्यताएं हैं कि मंदिर (Goreshwar Mahadev Temple) में दर्शन करने से और मोरन नदी के पानी में स्नान करने से चर्म रोग की समस्या ठीक होती है। यही वजह है कि चर्म रोग से पीड़ित गोरेश्वर मंदिर में आकर मन्नत मांगते हैं और शरीर का रोग दूर होने पर नमक और केसर चढ़ाते हैं। भोलेनाथ को भेंट चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। भक्त लगातार पांच सोमवार मंदिर में दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि भक्त, भोलेनाथ से जो भी मनोकामनाएं मांगते हैं, उन्हें भगवान शिव अवश्य पूर्ण करते हैं।

मान्यता के अनुसार, गोरेश्वर मंदिर के शिवलिंग (Goreshwar Mahadev Temple) को सजाकर एक संदेश दिया जाता है। कभी फूलों, फलों, दीये, दवाओं से शिवलिंग को सुसज्जित किया जाता है। ऐसा मनोरम दृश्य देखने के लिए गांवों और शहरों से तमाम लोग आते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होने पर भोलेनाथ के चरणों में भेंट अर्पित करते हैं।

गोरेश्वर महादेव मंदिर के अध्यक्ष श्रीलाल नाथ जी बताते हैं, ''पूरे बागड़ के लिए यह मंदिर आस्था का एक बड़ा केंद्र है। मंदिर के दर्शन के लिए लोग डूंगरपुर, बांसवाड़ा आदि क्षेत्रों से आते हैं। यहां पर लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसी मान्यता है कि गूंगे और अंधे लोग भी यहां आकर ठीक हो जाते हैं। यहां के कुंड में स्नान मात्र से लोगों के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। इस मंदिर की महिमा बहुत निराली है।''

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