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Shravana Putrada Ekadashi 2024: पुत्र की कामना रखने वाले करते हैं श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत, जानें तिथि और पारण का समय

Shravana Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी और श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष...
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Shravana Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी और श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष एकादशी दिसम्बर या जनवरी माह में पड़ती है, जबकि श्रावण शुक्ल पक्ष एकादशी जुलाई या अगस्त माह में पड़ती है। श्रावण पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi 2024) श्रावण मास के दौरान मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है।

किस दिन है श्रावण पुत्रदा एकादशी

श्रावण महीने में मनाया जाने वाला श्रावण पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi 2024) निःसंतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति का वरदान देता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का प्रारंभ वैसे तो 15 अगस्त को ही हो जा रहा है लेकिन हिन्दू धर्म में सभी त्यौहार उदय तिथि से मनाया जाता है इसलिए 2024 में श्रावण पुत्रदा एकादशी शुक्रवार, 16 अगस्त को मनाया जाएगा। वहीँ व्रत का पारण 17 अगस्त को सुबह 06:08 से 08:05 तक है। इस दिन भक्त कठोर उपवास रखते हैं और ब्रह्मांड के संरक्षक भगवान विष्णु को समर्पित प्रार्थना और अनुष्ठान करते हैं। यह व्रत स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।

एकादशी तिथि प्रारंभ - 15 अगस्त 2024 को सुबह 10:26
एकादशी तिथि समाप्त - 16 अगस्त 2024 को सुबह 09:39 AM

श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व

श्रावण पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi 2024) का हिंदू संस्कृति में बहुत महत्व है, खासकर संतान की चाह रखने वाले दंपत्तियों के लिए। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस शुभ दिन पर व्रत रखने और अनुष्ठान करने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे संतान की इच्छा पूरी होती है। भक्तों का मानना ​​है कि श्रावण पुत्रदा एकादशी की सच्ची प्रार्थना और श्रद्धापूर्वक पालन करने से बाधाएं दूर होती हैं और उनके परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

श्रावण पुत्रदा एकादशी के अनुष्ठान

श्रावण पुत्रदा एकादशी पर भक्त कठोर उपवास रखते हैं, पूरे दिन भोजन और पानी से परहेज करते हैं। व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन सूर्योदय पर समाप्त होता है, जो समर्पण और त्याग का प्रतीक है। भगवान विष्णु को समर्पित विशेष प्रार्थना और भजन गाए जाते हैं, जिसमें प्रजनन और संतान के लिए उनका दिव्य आशीर्वाद मांगा जाता है।

श्रावण पुत्रदा एकादशी पूजा विधि

श्रावण पुत्रदा एकादशी पर भक्त भगवान विष्णु को विभिन्न प्रकार के प्रसाद चढ़ाते हैं, जिसमें फल, फूल, धूप और मिठाई शामिल हैं। कुछ लोग घर पर भी पूजा अनुष्ठान कर सकते हैं या भगवान विष्णु को समर्पित मंदिरों में जाकर उनकी दिव्य कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस पवित्र दिन पर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना या भगवान विष्णु के अवतारों की कहानियां सुनना शुभ माना जाता है।

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