Dungarpur News : महिलाओं की सोलर प्रोडक्ट कंपनी का सिमटा कारोबार ? सरकारी मदद की दरकार
women's solar company Dungarpur : डूंगरपुर। राजस्थान में संभवतया दुर्गा रिन्यूएबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड इकलौती कंपनी है, जिसका संचालन पूरी तरह महिलाओं के हाथ में है। अलग-अलग इलाकों की 65 महिलाओं ने सोलर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी शुरू की। मगर अब कंपनी का कारोबार सिमटने लगा है। हालात ऐसे हैं कि 65 महिलाओं वाली कंपनी में अब 4 महिलाओं को ही रोजगार मिल रहा है।
2017 में सोलर लैंप असेंबलिंग से शुरुआत
दुर्गा रिन्यूएबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की शुरूआत साल 2017 में हुई थी। हालांकि इसकी नींव साल 2014 में रखी जा चुकी थी। जब तत्कालीन कलेक्टर इंद्रजीतसिंह ने पुनाली, बिलड़ी और झोंथरी गांवों की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को सोलर लैंप असेम्बलिंग के काम से जोड़ा था। आईआईटी मुंबई के प्रो. चेतन सिंह सोलंकी की पहल पर इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद साल 2017 से ही डूंगरपुर में स्वदेशी सोलर पैनल बनाने का काम इस महिला संचालित कंपनी ने शुरू कर दिया।
67 लाख से 52 लाख पर आया कारोबार
दुर्गा रिन्युबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की सीईओ रुक्मणि कटारा के मुताबिक कंपनी पहले 1 से 100 वॉट तक के सोलर पैनल का प्रोडक्शन कर रही थी। जो टॉर्च, पंखे वगैरह चलाने में इस्तेमाल होते हैं। 2022-23 में कंपनी ने करीब 67 लाख सोलर पैनल की बिक्री की। मगर एक साल में ही 2023- 24 में कंपनी की सेल घटकर 52 लाख रह गई है।
महिला कंपनी को दो मशीनों की दरकार
सीईओ रुक्मणी का कहना है कि कंपनी का कारोबार सिमट रहा है, इसे बढ़ाने के लिए दो मशीनों की दरकार है। इनमें 335 से 500 केवी के सोलर पैनल बनाने के लिए टेबलीन मशीन की जरुरत है। वहीं इन सोलर पैनल की चेकिंग के लिए लैब मशीन की भी दरकार है। अगर यह दोनों मशीनें मिल जाएं। तो कंपनी का कारोबार बढ़ सकता है।
कंपनी की समस्या पर क्या बोले जिम्मेदार?
जिले में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित दुर्गा रिन्युबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की समस्या को लेकर राजस्थान फर्स्ट ने जिम्मेदार अफसरों से बात की। राजीविका के डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर मोतीलाल मीणा ने बताया कि कंपनी को नई मशीनों की जरुरत है। पिछले महीने बोर्ड मीटिंग में भी यह बात सामने आई थी। इसके बारे में उच्च अधिकारियों को बता दिया गया है। जल्द ही नई मशीनें कंपनी को मुहैया कराई जाएंगी।
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