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National Endangered Species Day 2024: जानें कब मनाया जाता है राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस, क्या है इस दिन का इतिहास और महत्व

National Endangered Species Day 2024: हम सबने कई ऐसे जीव-जंतुओं के बारे में सुना है जिनका अस्तित्व अब इस धरती पर नहीं है। धरती पर ऐसी कई प्रजातियां थीं जो धीरे-धीरे काल के गाल में समा गईं और अब वह...
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(Image Credit: Social Media)

National Endangered Species Day 2024: हम सबने कई ऐसे जीव-जंतुओं के बारे में सुना है जिनका अस्तित्व अब इस धरती पर नहीं है। धरती पर ऐसी कई प्रजातियां थीं जो धीरे-धीरे काल के गाल में समा गईं और अब वह पूरी तरह गायब हो चुकीं हैं। वर्तमान में भी ऐसी कई प्रजातियां हैं जो लुप्तप्राय (National Endangered Species Day 2024) होने की कगार पर हैं। इन प्रजातियों को बचाने की कोशिश सरकारों के साथ कई संस्थाएं भी कर रहीं हैं।

बता दें कि जब भी कोई प्रजाति ग्रह से विलुप्त हो जाती है तो प्रकृति का संतुलन बाधित हो जाता है। प्रत्येक प्रजाति (National Endangered Species Day 2024) के महत्व को समझना और उनके लिए एक स्वस्थ वातावरण तैयार करना महत्वपूर्ण है। इसी उद्देश्य के साथ हर साल राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जाता है। यह दिन मानव गतिविधियों के परिणामों के बारे में जागरुकता पैदा करने और लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए मनाया जाता है।

National Endangered Species Day 2024
क्या हैं लुप्तप्राय प्रजातियां

लुप्तप्राय प्रजातियां (National Endangered Species Day 2024) वो हैं जिनकी संख्या (वजह चाहे जो भी हो) धरती पर लगातार कम होती जा रही है और इन प्रजातियों के जीव अब गिनती के ही बचे हैं। जानवरों की लुप्तप्राय स्थिति की घोषणा अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा की जाती है। संगठन के अनुसार, हमारे ग्रह पर 40% जानवर, कीड़े और पौधे विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसका मतलब यह प्रजातियां आज भी जीवित हैं लेकिन बहुत कम संख्या में। हालांकि यदि अब भी हमने इन्हें बचाने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया तो वह दिन दूर नहीं जब बची हुई इन प्रजातियों को भी लुप्त प्रजातियों में गिना जाने लगेगा। इसलिए, सरकारों, हितधारकों, वन्यजीव पेशेवरों, गैर सरकारी संगठनों और आम जनता के लिए लुप्तप्राय प्रजातियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करना अनिवार्य है।

कब मनाया जाता है राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस और क्या है इस वर्ष की थीम

हर साल मई महीने के तीसरे शुक्रवार को राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 17 मई को मनाया जाएगा। इस वर्ष के राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का थीम है 'जीव प्रजातियों को बचाने का जश्न मनाएं' (Celebrate Saving Species)। लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2024 (National Endangered Species Day 2024) पर, वन्यजीव शरणस्थल, उद्यान, स्कूल, पुस्तकालय, संग्रहालय, सामुदायिक समूह, गैर-लाभकारी संस्थाएं आदि कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

National Endangered Species Day 2024
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस (National Endangered Species Day 2024) पहली बार 2006 में डेविड रॉबिन्सन और लुप्तप्राय प्रजाति गठबंधन द्वारा मनाया गया था। तब से इसे लुप्तप्राय प्रजातियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के एक अटूट उद्देश्य के साथ प्रतिवर्ष मनाया जाता है। राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस के पीछे का विचार जनता को लुप्तप्राय प्रजातियों की दुर्दशा और उनके विलुप्त होने को रोकने के लिए संरक्षण प्रयासों की तत्काल आवश्यकता के बारे में शिक्षित करना है। यह पारिस्थितिक संतुलन और जैव विविधता को बनाए रखने में लुप्तप्राय प्रजातियों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस (National Endangered Species Day 2024) भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारे ग्रह की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण की सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाने का भी काम करता है। यह निवास स्थान के नुकसान, जलवायु परिवर्तन, अवैध शिकार और प्रदूषण जैसे खतरों से निपटने के लिए कार्रवाई करने के महत्व को रेखांकित करता है जो दुनिया भर में कई प्रजातियों के अस्तित्व को खतरे में डालते हैं।

National Endangered Species Day 2024
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का महत्व

वन्य जीव प्रजातियों के लुप्तप्राय (National Endangered Species Day 2024) होने के पीछे कई कारण हैं। इनमें से कुछ में निवास स्थान की हानि, अत्यधिक शिकार, अवैध शिकार और पर्यावरणीय परिवर्तन शामिल हैं। इसलिए, इन प्रजातियों के लिए एक संरक्षित वातावरण बनाना और ग्रह पर हमारे प्रभाव को कम करना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लुप्तप्राय प्रजातियों के बारे में जागरूकता फैलाता है। साथ ही लोगों को वन्य जीवों के विलुप्त होने के खतरे को देखते हुए इन प्रजातियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित करता है।

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