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Rajasthan Politician Election Campaign: राजस्थान भाजपा के 150 नेता कर रहे हैं दूसरे प्रदेशों में प्रचार...

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Rajasthan Politician Election Campaign: राजस्थान। राजस्थान में 2024 लोकसभा (Rajasthan Loksabha Election) चुनाव दो चरणों में होना तय हुआ और दोनों ही चरणों के मतदान पूरे होने के बाद राजस्थान (Rajasthan) के बड़े नेता अब दूसरे प्रदेशों में जाकर अपनी राजनीतिक पार्टी के लिए वोट की अपील (Rajasthan Politician Election Campaign) करते नज़र आ रहे हैं। राजस्थान में 19 अप्रैल 2024 को प्रथम चरण का मतदान (Rajasthan First Phase Voting) हुआ जिसमें 25 लोकसभा सीटों में से 12 पर वोटिंग हुई, इसके बाद दूसरे चरण (Rajasthan 2nd Phase Voting) यानि 26 अप्रैल को बची हुई 13 सीटों (Rajasthan Loksabha Seat) पर भी मतदान हुआ। यहाँ मतदान पूरे होने के बाद से नेताओं ने दूसरे प्रदेशों का रुख कर लिया और देशभर में बसे मारवाड़ियों से वोट की अपील कर रहे हैं।

कम मतदान को बढ़ाने का प्रयास

राजस्थान में हुए दोनों चरणों के मतदान में पिछले मतदान प्रतिशत से 4.81 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। कम मतदान में वो लोकसभा सीटें भी शामिल हैं जहां बड़े दिग्गज नेताओं का दबदबा है। ऐसी सीटों में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) सिंधिया, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi), वर्तमान डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा (Prem Chand Bairwa) की सीटें भी शामिल है। अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता यानि स्टार प्रचारक दूसरे प्रदेशों में बसे मारवाड़ी समाज को या ऐसा कहें कि मूलतः राजस्थान के रहने वाले उन मतदाताओं को, जो दूसरे प्रदेशों में जा कर बस गए हैं, उनसे मतदान के लिए अपील करने जा पहुंचे हैं।

भाजपा आलाकमान ने दिया टास्क

राजस्थान के कम मतदान के बाद भाजपा आलाकमान ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए राजस्थान के प्रथम पंक्ति के भाजपा नेताओं को दूसरे प्रदेशों में जाकर मतदाताओं से पार्टी के पक्ष में मतदान करने को कहा है। इसमें मुख्यमंत्री भाजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) को भी शामिल किया गया है। सीएम भाजनलाल शर्मा बंगाल में प्रचार करते हुए नज़र आ रहे हैं। राजस्थान सीएम के अलावा राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी (Arun Chaturvedi) भी दूसरे प्रदेशों में जाकर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए जनता से अपील करेंगे।

सीएम भजन लाल शर्मा को बंगाल और झारखंड का जिम्मा

राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा पहले प्रदेश भर में भाजपा के चुनावी प्रचार में बढ़ - चढ़ कर हिस्सा तो ले ही रहे थे परंतु अब भाजपा की नई रणनीति के तहत सीएम का जिम्मा अब बंगाल और झारखंड (Jharkhand Loksabha Election) में भी प्रचार में लगा है। सीएम भजन लाल शर्मा को पहले भी अन्य राज्यों में कई रैलियों और जन सभाओं में होते देखा गया था जिसमें गुजरात भी शामिल था। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दोनों चरण के मतदान के बाद सबसे पहले वो कलकत्ता पहुंचे और श्री राम पूरा लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी कबीर शंकर बॉस (Kabir Shankar Bos) के नामांकन का हिस्सा बने। कलकत्ता में राजस्थान से बड़ी संख्या में लोग व्यापार के लिए गए हुए हैं। लंबे समय से कलकत्ता में निवास के बाद वहीं पर मतदान भी करने का अधिकार ले चुके हैं। सीएम भजन लाल शर्मा, बड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों के एक सम्मेलन में पहुंचे और उनसे संवाद स्थापित किया। इस सम्मेलन में ज़्यादातर मारवाड़ी समाज के लोग ही शामिल हुए थे।

झारखंड में संभाएँ और सम्मेलन में सीएम भजन लाल शर्मा

कलकत्ता के बाद राजस्थान सीएम भजन लाल शर्मा ने झारखंड का रुख किया। झारखंड में कई अलग - अलग लोकसभा सीटों पर प्रचार करने के साथ - साथ कई नामांकन सभा और रैली में भी सम्मिलित हुए। झारखंड की ही धनबाद लोकसभा सीट (Dhanbad Loksabha Seat) को साधने के लिए जनसभा को भी संबोधित किया। स्थानीय प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करने के साथ ही प्रवासी राजस्थानियों से भी संवाद किया। ऐसा ही एक कार्यक्रम जिसमें मारवाड़ी सभाओं में प्रवासी राजस्थनियों से रूबरू होकर भाजपा के पक्ष में मतदान करने को प्रोत्साहित किया। झारखंड के ही हजारीबाग लोकसभा सीट (Hazaribag Loksabha Seat) से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मनीष जयसवाल (Manish Jaiswal) के नामांकन और जनसभा में भी सीएम ने उपस्थिति दर्ज कारवाई। संभवत इसके बाद अन्य राज्यों में भी भाजपा के प्रचार के लिए राजस्थान के सीएम (Rajasthan CM) भजन लाल शर्मा को देखा जाए।

राजस्थान के बीजेपी नेताओं को मिली इन राज्यों में प्रचार की ज़िम्मेदारी

पश्चिम बंगाल और झारखंड में राजस्थान के सीएम भाजन लाल शर्मा को चुनाव प्रचार का जिम्मा दिया ही गया है इसके अलावा राजस्थान के अन्य नेताओं को बिहार (Bihar Loksabha Election), पंजाब (Punjab Loksabha Election), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Loksabha Election), महाराष्ट्र (Maharashtra Loksabha Election), आन्ध्र प्रदेश (Andhra Pradesh Loksabha Election), तेलंगाना (Telangana Loksabha Election), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Loksabha Election) चुनावी प्रचार के लिए भेजा गया है। राजस्थान के लगभग 150 भाजपा नेताओं को देश भर में भाजपा के पक्ष में चुनावी प्रचार करने के लिए लगाया गया है। पंजाब में भाजपा के प्रचार की कमान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) को सौंपी गयी है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने चंडीगढ़ में प्रचार से शुरुआत भी कर दी।

पूरे देश में बसे हैं राजस्थानी

राजस्थान से व्यापार के लिए दूसरे प्रदेशों में जा बसे बड़े सेठों और व्यापारियों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी हर संभव प्रयास कर रही है। इसी के चलते राजस्थान से ही भाजपा नेताओं को दूसरे प्रदेशों में न सिर्फ प्रचार के लिए भेजा जा रहा है जबकि चुनाव प्रबंधन की ज़िम्मेदारी निभाने के लिए उनकी कार्यप्रणाली बनाई है। व्यापार के सिलसिले में वर्षों से दूसरे प्रदेशों में जा कर बसे राजस्थान मूल के व्यापारियों से संवाद और सभाएं कर भाजपा के पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है। कई वर्षों से दूसरे प्रदेशों में रहने के बाद अधिकतर मारवाड़ी उन्हीं प्रदेशों के वोटर हो गए हैं। इसलिए उनके वोट और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं। झुंझुनू - समीप इलाके यानि जिससे शेखवाटी कहा जाता है, उससे अधिकतर व्यापारी पश्चिम बंगाल में बसे हैं। जैसलमेर - बाड़मेर जैसे इलाकों के अधिकतर व्यापारी मराठी इलाकों यानि महाराष्ट्र में बसे हुए हैं। इसके अलावा पंजाब, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उत्तरांचल, गोवा में भी राजस्थान से एक बड़ा तबका व्यापार के लिए निवास करता है।

भाजपा के बाद काँग्रेस ने भी चुना यही तरीका

राजस्थान से सिर्फ भाजपा के ही नेता मारवाड़ी समाज को साधने के लिए अन्य प्रदेशों में नहीं जा रहे, काँग्रेस (Rajasthan Congress) में भी इसी रणनीति पर काम कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व में हुई सभा में चुनावों को लेकर पूरी प्लानिंग की गयी। जिसमें ये भी तय किया गया कि कौनसे काँग्रेसी नेता कौनसे राज्य में जाकर काँग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए जनता को रिझाएंगे। इस लिस्ट में खुद अशोक गहलोत का नाम भी शामिल है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के अलावा, पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin pailot), वर्तमान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara), पूर्व राज्य खेल मंत्री अशोक चाँदना (Ashok Chandana), सीपी जोशी (CP Joshi), शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal), काँग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh), टीका राम जूलि (Tika Ram Jully)की भी ज़िम्मेदारी दूसरे राज्यों में जाकर पार्टी के पक्ष में प्रचार करने और प्रबंधन में लगी है। हालांकि राजस्थान से काँग्रेस के कई नेताओं को पहले ही अन्य राज्यों में चुनाव प्रभारी के तौर पर भेजा जा चुका है। ये दौर अभी लोकसभा चुनाव पूर्ण होने और मतदान का परिणाम आने तक जारी रहेगा।

राजस्थान के नेताओं के लिए ये रहेगा बड़ा चैलेंज

राजस्थान से दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता दूसरे राज्यों में जाकर मारवाड़ी समाज के लोगों को अपने - अपने पक्ष में मतदान करने के लिए रिझाएंगे, परंतु इस बड़ा चैलेंज ये रहेगा कि राजस्थान में हुए कम मतदान (Rajasthan Loksabha Election Low Voting) से उभरा जा सके। राजस्थान में कम मतदान के बाद राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) अब किस करवट बैठेगी ये तय कर पाना राजनीतिज्ञों के लिए भी बड़ा मुश्किल नज़र आ रहा है। वहीं दूसरे राज्यों में जाकर मतदान के लिए कहना थोड़ा मुश्किल होगा। हालांकि दोनों ही दलों ने अपनी - अपनी रणनीति तय कर उस पर अमल (Rajasthan Politician Election Campaign) भी करना शुरू कर दिया है, परंतु मतदान प्रतिशत बढ़ाना अपने आप में बड़ी चुनौती होगी।

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