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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने खुद को मारे कोड़े, चप्पल न पहनने की कसम क्यों खाई, जानें पूरी कहानी!

Annamalai Tamil Nadu politics: तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने  एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए डीएमके सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने तक चप्पल न पहनने की कसम खाई। उन्होंने अपने संकल्प को और दृढ़ता से दिखाने के लिए...
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Annamalai Tamil Nadu politics: तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने  एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए डीएमके सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने तक चप्पल न पहनने की कसम खाई। उन्होंने अपने संकल्प को और दृढ़ता से दिखाने के लिए खुद को कोड़ा भी मारा। यह कदम उनकी पार्टी द्वारा राज्य में सत्ता परिवर्तन की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। (Annamalai Tamil Nadu politics) अन्नामलाई का यह अजीब संकल्प तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचाने के साथ ही बीजेपी के संघर्षशील नेतृत्व का भी संकेत है।

तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी के लिए एक नया मोड़ आ सकता है, जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए डीएमके को सत्ता से हटाने की प्रतिज्ञा ली है। के. अन्नामलाई का यह कदम न केवल उनके आक्रामक राजनीतिक दृष्टिकोण को उजागर करता है, बल्कि राज्य में एक नई राजनीतिक लड़ाई की शुरुआत भी हो सकती है।

तमिल संस्कृति... उच्च शक्ति के प्रति समर्पण

तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने गुरुवार को एक बड़ा बयान दिया और बताया कि उनके द्वारा खुद को कोड़े मारना और चप्पल न पहनने का संकल्प तमिल संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि तमिल संस्कृति में खुद को दंडित करना और कठिन अनुष्ठानों से गुजरना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो इस भूमि का हिस्सा है। अन्नामलाई ने स्पष्ट किया कि यह किसी व्यक्ति या चीज के खिलाफ नहीं है, बल्कि राज्य में हो रहे अन्याय और प्रशासनिक खामियों के खिलाफ है।

राज्य में हो रहे अन्याय के खिलाफ संघर्ष

अन्नामलाई ने कहा कि उनका संकल्प तमिलनाडु में हो रहे लगातार अन्याय के खिलाफ है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अन्ना विश्वविद्यालय में जो कुछ हुआ, वह केवल एक संकेत था कि प्रशासनिक स्तर पर खामियां हैं, जिससे आम आदमी को दिक्कतें हो रही हैं। अन्नामलाई ने इसे राज्य की समस्याओं से लड़ने के लिए एक कड़ा कदम बताया और इसे प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता के रूप में पेश किया।

ऐतिहासिक कदम...परिवार की परंपरा

अपने संकल्प को और स्पष्ट करते हुए अन्नामलाई ने कहा कि उनके कई पूर्वज भी इस रास्ते पर चले थे और उन्होंने भी इसे चुना है। उन्होंने इसे एक उच्च शक्ति और ईश्वर के प्रति समर्पण की प्रक्रिया बताया। अन्नामलाई ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया के माध्यम से वह राज्य की समस्याओं से निपटने में पार्टी और कैडर के नेताओं के संघर्ष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं।

 DMK को सत्ता से हटाना

अन्नामलाई ने अपने बयान में कहा कि उनका अंतिम लक्ष्य 2026 में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में DMK को सत्ता से हटाना है। उनका मानना है कि इस कठिन संघर्ष के बाद ही तमिलनाडु का गौरव वापस लौटेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी और कैडर को इस लड़ाई में कड़ी मेहनत करनी होगी, लेकिन इस संकल्प के माध्यम से उन्होंने राज्य की जनता को अपनी निष्ठा और समर्पण का संदेश दिया है।

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