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Asaram Bapu Interim Bail: आसाराम को सुप्रीम कोर्ट मिली राहत, इलाज के लिए रिहा होंगे, पुलिस रखेगी नजर

Asaram Bapu Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विवादित धर्मगुरु आसाराम बापू को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत प्रदान की। वह गुजरात में 2013 में दर्ज बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। अदालत ने कई शर्तों...
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Asaram Bapu Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विवादित धर्मगुरु आसाराम बापू को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत प्रदान की। वह गुजरात में 2013 में दर्ज बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। अदालत ने कई शर्तों के साथ उन्हें 31 मार्च, 2025 तक रिहा करने का आदेश दिया है। इन शर्तों में उनके समर्थकों से बड़ी संख्या में मिलने पर प्रतिबंध और तीन पुलिसकर्मियों की सुरक्षा अनिवार्य है।

स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए राहत

न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने उनकी उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा, "वह जीवन के अंतिम चरण में हैं। चाहे अपराध का स्वरूप कैसा भी हो, जब बात किसी कैदी के स्वास्थ्य की हो, तो जिम्मेदारी राज्य और अदालत की होती है।"

आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने दलील दी कि उनकी हालत गंभीर है और उनकी जीवित रहने की संभावना बेहद कम है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस उनके इलाज या अस्पताल के चयन में हस्तक्षेप नहीं करेगी।

गुजरात सरकार की आपत्ति

गुजरात सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आसाराम की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले के गवाहों को जान से मार दिया गया है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की मांग की कि आसाराम के साथ सशस्त्र पुलिसकर्मी हर समय रहें। मेहता ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिशों के बावजूद आसाराम ने हृदय रोग के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया।

शर्तों के साथ रिहाई

अदालत ने आसाराम को यह शर्त लगाते हुए रिहा करने का आदेश दिया कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे, बड़े पैमाने पर समर्थकों से नहीं मिलेंगे और तीन पुलिसकर्मियों की निगरानी में रहेंगे। इसके अलावा, उनके अनुयायियों की भीड़ अस्पताल में इकट्ठा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।

राजस्थान मामले में भी जमानत की कोशिश

आसाराम राजस्थान में भी नाबालिग लड़की के यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। यह सजा 2018 में विशेष पॉक्सो अदालत ने सुनाई थी। कामत ने कहा कि वह इस आदेश का उपयोग राजस्थान मामले में अंतरिम जमानत के लिए करेंगे।

राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल

कामत ने गवाहों की हत्या के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस संबंध में कोई शिकायत या चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि आसाराम अपने पासपोर्ट जमा कराने और अदालत द्वारा लगाए गए सभी नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आदेश केवल स्वास्थ्य आधार पर दिया गया है और किसी भी प्रकार के आरोपों पर टिप्पणी नहीं की गई है।

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