Bengaluru Techie Son Custody: SC का बड़ा फैसला, 'बच्चे के लिए अजनबी' दादी को पोते की कस्टडी नहीं
Bengaluru Techie Son Custody: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में फैसला सुनाते हुए बेंगलुरु के टेक्नीशियन की मां की पोते की कस्टडी की याचिका खारिज कर दी। टेक्नीशियन ने दिसंबर में आत्महत्या कर ली थी, और अदालत ने मां को बच्चे के लिए "अजनबी" मानते हुए कस्टडी देने से इनकार कर दिया।
34 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे, उन्होंने अपने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया था।
मृतक की मां ने अपने चार साल के पोते की कस्टडी मांगी थी, क्योंकि उनकी बहू ने बच्चे के स्थान को गुप्त रखा था। हालांकि, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि बच्चे की कस्टडी का मुद्दा उस अदालत में उठाया जा सकता है, जहां ट्रायल चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
पीठ ने कहा, “माफ करें, लेकिन बच्चा याचिकाकर्ता के लिए अजनबी है। यदि आप चाहें तो बच्चे से मिलने जा सकती हैं। अगर आप बच्चे की कस्टडी चाहती हैं, तो इसके लिए अलग प्रक्रिया है।” मामले में मृतक की मां ने सुप्रीम कोर्ट में एक हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की थी।
बच्चे का स्कूल और कस्टडी पर तर्क
मृतक की पत्नी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि बच्चा हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम बच्चे को बेंगलुरु ले जाएंगे। हम उसे स्कूल से निकाल चुके हैं। मां को जमानत की शर्तों को पूरा करने के लिए बेंगलुरु में रहना होगा।”
वहीं, मृतक की मां के वकील कुमार दुष्यंत सिंह ने दलील दी कि छह साल से कम उम्र के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने बच्चे की दो साल की उम्र की तस्वीरें भी पेश कीं, जब वह अपनी दादी के साथ था।
अगली सुनवाई में बच्चा पेश करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई के दौरान, जो 20 जनवरी को होगी, बच्चे को अदालत में पेश किया जाए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले का फैसला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं किया जा सकता।
पुलिस कार्रवाई
टेक्नीशियन के सुसाइड नोट और वीडियो नोट के आधार पर पुलिस ने उनकी पत्नी और ससुराल वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 3(5) (सामान्य मंशा) के तहत मामला दर्ज किया। मृतक की पत्नी, उनकी सास और साले को बेंगलुरु की सिविल कोर्ट ने 4 जनवरी को जमानत दे दी।
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