Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली चुनाव में ओवैसी ने क्या किया बड़ा खुलासा, AAP और बीजेपी के पसीने छूटे!
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बवंडर तेज हो गया है। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी दिल्ली के राजनीतिक मैदान में उतरने जा रही है। इस ऐलान के साथ ही ओवैसी ने दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) को भी निशाने पर लिया। ओवैसी ने आरोप लगाया कि आरएसएस ही इन दोनों पार्टियों की 'मां' है, और उन्होंने(Delhi Assembly Election 2025) यह भी कहा कि दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में कूड़ा फेंका जा रहा है। ओवैसी के इन तीखे बयानों से दिल्ली के सियासी माहौल में नया घमासान मच सकता है।
AAP और BJP के बीच कोई फर्क नहीं
असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की भूमिका को प्रमुखता से रखा और दिल्ली की राजनीति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया कि दोनों एक ही विचारधारा को मानती हैं और दोनों का आधार आरएसएस है। ओवैसी ने यह भी कहा कि इन पार्टियों के बीच कोई फर्क नहीं है और आरएसएस ने इन पार्टियों को पाल-पोस कर बड़े आकार में लाया। उन्होंने आरोप लगाया कि BJP और AAP दोनों का लक्ष्य हिंदुत्व का प्रचार-प्रसार करना है और यह दोनों एक ही रणनीति पर काम कर रहे हैं।
AAP पर विकास के झूठे दावे का सवाल
ओवैसी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) पर तंज कसते हुए कहा कि यह पार्टी मुसलमानों के इलाकों में कूड़ा फेंकने और विकास के झूठे दावे करने में माहिर है। उन्होंने कहा कि AAP ने दिल्ली में स्कूल और अस्पताल बनाने का दावा किया है, लेकिन सच्चाई यह है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में इन दावों का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता। ओवैसी ने आरोप लगाया कि इस तरह की दिखावे की राजनीति केवल मुस्लिम समुदाय की उपेक्षा करने के लिए की जा रही है। उनका कहना था कि वास्तविक विकास तभी होगा जब इन इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार की स्थिति बेहतर हो।
पीएम मोदी की चादर भेजने की राजनीति का क्या फायदा?
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अजमेर दरगाह पर चादर भेजने की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केवल एक दिखावा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके साथी बीजेपी नेताओं का असली उद्देश्य मुसलमानों के विश्वास को जीतने के बजाय, उनके धार्मिक स्थलों पर अदालतों में दावे दायर करना है। ओवैसी ने कहा कि इस प्रकार की राजनीति से मुस्लिम समुदाय का भला नहीं हो सकता, और यह केवल समाज को और अधिक बांटने का काम करेगा।
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