Delhi Elections 2025: मुस्लिम बहुल सीटों पर वोटिंग का बढ़ता रुझान, जानें कहां किसे लगी चोट
Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है, जहां आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में जुटी हैं। आज, बुधवार को मतदान प्रक्रिया जारी है, और शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, मुस्लिम बहुल इलाकों में मतदान प्रतिशत में अच्छी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
मुस्लिम बहुल सीटों पर मतदान का हाल
दिल्ली की 11 विधानसभा सीटों को मुस्लिम बहुल सीटों के रूप में पहचाना जाता है। इनमें चांदनी चौक, मटियामहल, बल्लीमारन, ओखला, सीमापुरी, सीलमपुर और बाबरपुर जैसी प्रमुख सीटें शामिल हैं। दोपहर तीन बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इनमें से सात सीटों पर मतदान प्रतिशत औसत से अधिक रहा। दिल्ली में कुल मतदान प्रतिशत 46.55% दर्ज किया गया।
विधानसभा सीटवार मतदान प्रतिशत (3 बजे तक):
विधानसभा सीट | वोटिंग %
- चांदनी चौक - 39.64
- मटियामहल- 47.10
- बल्लीमारन- 45.67
- ओखला - 42.70
- सीमापुरी - 54.29
- सीलमपुर - 54.29
- बाबरपुर- 52.10
- मुस्तफाबाद- 56.12
- करावल नगर - 52.17
- जंगपुरा - 44.17
सीलमपुर में फर्जी मतदान का आरोप
सीलमपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी पर फर्जी मतदान कराने का आरोप लगाया है। बीजेपी का दावा है कि बुर्के की आड़ में बाहरी महिलाओं को लाकर फर्जी वोटिंग कराई गई। इसके अलावा, कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके नाम पर पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। इस मुद्दे को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है और चुनाव आयोग से जांच की मांग की गई है।
जंगपुरा में पैसे बांटने का आरोप
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर जंगपुरा में मतदाताओं के बीच पैसे बांटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में बीजेपी कार्यकर्ता खुलेआम पैसे बांट रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से इस मामले की जांच की मांग की है।
दिल्ली में चुनावी इतिहास और मतदान प्रतिशत
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की शुरुआत 1993 में हुई थी, जब कुल 61.57% मतदान हुआ था और पहली सरकार बीजेपी ने बनाई थी। 1998 में हुए चुनाव में मतदान प्रतिशत घटकर 48.99% रह गया और कांग्रेस ने बीजेपी को हराकर सरकार बनाई। 1998 के चुनावों में कांग्रेस को 47.76% वोट मिले थे और उसने 52 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी को 34.02% वोट और 15 सीटें मिली थीं। प्याज की बढ़ती कीमतों को उस समय बीजेपी की हार का बड़ा कारण माना गया था।
मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए खास सजावट
चुनाव आयोग ने दिल्ली के कई मतदान केंद्रों को विशेष रूप से सजाया है ताकि मतदाता बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों तक पहुंचें। पटेल नगर इलाके में एक पोलिंग स्टेशन को 'चंद्रयान से चुनाव तक' थीम पर सजाया गया है, जिससे वोटरों को मतदान के प्रति प्रेरित किया जा सके। इस बार के चुनाव में मतदाताओं का उत्साह देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में मतदान का उच्च प्रतिशत किसी भी पार्टी के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
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