सिख समाज से इकलौते PM का क्यों नहीं स्मारक? कांग्रेस भड़की, जानिए आखिर क्यों हो रहा विवाद
Dr. Manmohan Singh Memorial Controversy : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हो गया और शनिवार को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हालांकि, उनके अंतिम संस्कार स्थल और स्मारक को लेकर विवाद गहरा गया है। कांग्रेस पार्टी ने यह मांग उठाई है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास होना (Dr. Manmohan Singh Memorial Controversy )चाहिए और वहीं पर उनका स्मारक भी स्थापित किया जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी मांग रखी है। इस विवाद ने राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, जहां एक ओर कांग्रेस उनके योगदान को सम्मानित करने की मांग कर रही है, वहीं दूसरी ओर अन्य राजनीतिक दल इस प्रस्ताव पर सवाल उठा रहे हैं।
#WATCH | Delhi | Mortal remains of former Prime Minister #DrManmohanSingh being taken to Nigam Bodh Ghat for his last rites.
Former PM Dr Manmohan Singh died on 26th December at AIIMS Delhi. pic.twitter.com/o2bBJsoiqH
— ANI (@ANI) December 28, 2024
कांग्रेस की मांग... राजघाट के पास अंतिम संस्कार और स्मारक
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हुआ और शनिवार को उनका अंतिम संस्कार नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा। हालांकि, उनके अंतिम संस्कार और स्मारक स्थल को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास किया जाए और वहीं पर उनका स्मारक बने। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस संबंध में अपनी मांग उठाई है।
केंद्र सरकार का जवाब... निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर ही होगा। इसके साथ ही केंद्र ने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने का निर्णय अगले 3-4 दिनों में लिया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मनमोहन सिंह के परिवार को इस संबंध में जानकारी दी थी और स्मारक स्थल को लेकर सरकार को कुछ वक्त चाहिए।
कांग्रेस का आरोप ...सिख समाज से अपमान
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक स्थल के लिए स्थान नहीं ढूंढ पाना, भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर अपमान है। कांग्रेस का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री के समान, मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर क्यों नहीं किया जा सकता?
वीर भूमि... शक्ति स्थल के पास अंतिम संस्कार
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने भी केंद्र सरकार को सुझाव दिया था कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार वीर भूमि (राजीव गांधी समाधि स्थल) और शक्ति स्थल (इंदिरा गांधी समाधि स्थल) के पास किया जाए, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी के साथ किया गया था। उन्होंने सरकार से निगमबोध घाट के फैसले को वापस लेने की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अंततः वहीं पर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया।
सिख समाज और कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस नेता गुरदीप सिंह सप्पल ने भी केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के कद और उनकी देशसेवा के अनुरूप अंतिम संस्कार स्थल तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह परंपरा रही है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार जहां हुआ, वहीं उनकी समाधि बनाई जाती है। सप्पल ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा के लिए जगह नहीं दी और यह कदम सिख समाज के लिए बेहद दुखद है।
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का पलटवार
इस पूरे विवाद पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिखों को अपनी गंदी राजनीति में घसीटने की कोशिश कर रही है और यह वही पार्टी है जिसने दिल्ली में 1984 में सिखों का कत्लेआम किया। सिरसा ने डॉ. मनमोहन सिंह का सम्मान करते हुए कहा कि उनके सम्मान में भव्य स्मारक बनाया जाएगा।
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