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Kailash Gahlot Joins BJP: AAP का साथ छोड़ने के अगले ही दिन कैलाश गहलोत ने थामा BJP का दामन

Kailash Gahlot Joins BJP: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने के एक दिन बाद, सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जॉइन कर ली। अपने इस्तीफा पत्र में गहलोत ने दावा किया कि...
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Kailash Gahlot Joins BJP: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने के एक दिन बाद, सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जॉइन कर ली। अपने इस्तीफा पत्र में गहलोत ने दावा किया कि आप की "राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं" जनता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर हावी हो गई हैं।

गहलोत ने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में कहा, "जनता के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय, हम सिर्फ अपनी राजनीतिक एजेंडा के लिए लड़ते नजर आ रहे हैं।" पार्टी के प्रमुख जाट नेता गहलोत ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि 'शीशमहल' जैसे विवादों ने जनता के बीच यह सवाल खड़ा कर दिया है कि "क्या हम अब भी 'आम आदमी' बने हुए हैं।"

बीजेपी में शामिल होने पर बयान

गहलोत के बीजेपी में शामिल होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "दिल्ली की राजनीति में यह एक बड़ा मोड़ है क्योंकि गहलोत वरिष्ठ मंत्री रहे हैं। मुझे यकीन है कि आपने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम को देखकर यह निर्णय लिया होगा। मैं आपका पार्टी में स्वागत करता हूं।"

आप को झटका

गृह, प्रशासनिक सुधार, आईटी और महिला एवं बाल विकास जैसे अहम विभाग संभालने वाले गहलोत का यह कदम आप के लिए बड़ा झटका है, खासतौर पर जब पार्टी फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है। गहलोत 'आप' छोड़ने वाले केजरीवाल कैबिनेट के तीसरे मंत्री हैं। अप्रैल में, समाज कल्याण और श्रम एवं रोजगार मंत्री राज कुमार आनंद ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। उनसे पहले, नवंबर 2022 में राजेंद्र पाल गौतम ने पार्टी और कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

गहलोत ने क्यों छोड़ा AAP

कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे में आप पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी जनता के अधिकारों की वकालत करने से हटकर अपने राजनीतिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने तर्क दिया कि इस बदलाव ने दिल्लीवासियों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की पार्टी की क्षमता को कमजोर कर दिया है।

गहलोत ने यमुना नदी की सफाई के अधूरे वादे की ओर इशारा किया, जो अब पहले से भी ज्यादा प्रदूषित हो चुकी है। साथ ही, 'शीशमहल' जैसे विवादों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों ने जनता को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या आप अब भी अपने 'आम आदमी' के सिद्धांत पर कायम है।

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