केरल में ‘हसीन दिलरुबा’ का खौफनाक जुर्म... जज बोले- 'इससे दुर्लभ अपराध नहीं', दी गई मौत की सजा
Kerala Sharon Raj Murder Case: केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम साल 2022 में एक ऐसे खौफनाक अपराध से सिहर उठी थी, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। यह कहानी थी प्यार, धोखे और मौत की। 23 साल के शेरोन को उसकी ही गर्लफ्रेंड, 24 वर्षीय ग्रीष्मा ने बड़ी ही चालाकी से जहरीला पदार्थ देकर मौत के घाट उतार दिया। (Kerala Sharon Raj Murder Case)गहरी मोहब्बत का दिखावा करने वाली ग्रीष्मा के इस खूनी खेल का जब पर्दाफाश हुआ, तो हर कोई स्तब्ध रह गया। अब इस सनसनीखेज मामले में केरल की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ग्रीष्मा को फांसी की सजा दी है। जज ने इस घटना को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' की श्रेणी में रखते हुए कहा, "इससे अधिक जघन्य अपराध की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
केरल कोर्ट का सख्त फैसला
नेय्यत्तिनकारा के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने शेरोन हत्याकांड में ग्रीष्मा को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने इस हत्याकांड को "बेहद क्रूर, अमानवीय और घिनौना" करार दिया, जिसने समाज के सामूहिक विवेक को झकझोर दिया। साथ ही, अदालत ने ग्रीष्मा पर 3.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसी मामले में अदालत ने ग्रीष्मा के चाचा निर्मलाकुमारन नायर को तीन साल की कैद की सजा दी है, जबकि ग्रीष्मा की मां को बरी कर दिया गया।
कैसे रची गई साजिश?
ग्रीष्मा और शेरोन के बीच एक साल से ज्यादा समय तक रिश्ता रहा। हालांकि, इस दौरान ग्रीष्मा का रिश्ता कहीं और तय हो गया था। शेरोन, ग्रीष्मा से शादी करना चाहता था, लेकिन ग्रीष्मा उससे छुटकारा पाना चाह रही थी। शादी की तारीख नजदीक आते ही, ग्रीष्मा ने शेरोन को खत्म करने की साजिश रची।
शेरोन को जहर देकर मार डाला
अपनी शादी से एक महीने पहले, ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर बुलाया और उसे आयुर्वेदिक औषधि के नाम पर जहरीला काढ़ा पिला दिया। काढ़े में कीटनाशक मिलाया गया था। काढ़ा पीने के बाद शेरोन को बेचैनी होने लगी और बस में सफर के दौरान उसे उल्टियां शुरू हो गईं।
शेरोन ने अपनी बिगड़ती हालत के बीच अपने भाई को फोन कर पूरी बात बताई। भाई ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, 25 अक्टूबर 2022 को तिरुवनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान शेरोन की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहरीले पदार्थ का खुलासा हुआ, जिसके बाद ग्रीष्मा को 31 अक्टूबर 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया।
ग्रीष्मा की दलीलें और अदालत का रुख
सजा में नरमी के लिए ग्रीष्मा ने अपनी शैक्षिक उपलब्धियों, आपराधिक रिकॉर्ड न होने और माता-पिता की इकलौती बेटी होने का हवाला दिया। लेकिन अदालत ने इन तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि ये पहलू 'दुर्लभतम मामलों' की श्रेणी से बाहर नहीं ले जा सकते।
ग्रीष्मा के पास उच्च न्यायालय में इस फैसले को चुनौती देने का विकल्प है। वह केरल में मौत की सजा पाने वाली दूसरी और सबसे कम उम्र की महिला बन गई है। राज्य में अब तक 40 दोषियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।
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